घाघरा बैराज के क्लोज़र की प्रक्रिया हुई शुरू, सूखने लगी कतर्नियाघाट जंगल के बीच बहने वाली गेरुआ और कौड़ियाला नदी

बहराइच में लखीमपुर की सीमा पर स्थित चौधरी चरण सिंह घाघरा बैराज के क्लोजर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। धीरे धीरे हो रहे क्लोज़र प्रक्रिया के दौरान बैराज के कर्मचारी सरयू व शारदा नहर का गेट उठाकर पानी छोड़ने का कार्य कर रहे हैं। जिससे कि किसानों को उसका लाभ मिल सके एक दो दिन बाद घाघरा के फाटक भी खोलना शुरू हो जाएंगे। क्लोजर की प्रक्रिया शुरू होने से नेपाल से होकर बहने वाली गेरुआ व कौड़ियाला नदी में धीरे धीरे पानी कम होने लगा है पानी कम होने के साथ गेरुआ एवं कौड़ियाला नदी में विचरण करने वाली जलीय जीव घड़ियाल, मगरमच्छों एवं डॉल्फिन जैसे कई अन्य जलीय जीवों के जीवन पर संकट मंडराना शुरू हो गया है। क्लोजर 20 से 30 दिनों तक चलता है ऐसे में जंगल के नदियों में पानी न होने से जलीय जीवों को अपना गुजारा करने में काफी परेशानी होती है। बैराज प्रभारी विनय कुमार द्विवेदी ने बताया कि क्लोजर की प्रक्रिया धीरे धीरे शुरू हो गयी है। इस दौरान बैराज के फाटकों की गिरीसिंग तथा मरम्मत का कार्य का कार्य किया जाएगा।