अपात्रों को पक्की छत,पात्रों को झुनझुना,भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी पीएम आवास योजना

जनपद के डीह एवं छतोह ब्लॉक के अंतर्गत दर्जनों पात्र जरूरतमंद पीएम आवास से वंचित

नसीराबाद,रायबरेली।तुम्हारी फ़ाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है।मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है।तुम्हारी मेज़ चांदी की तुम्हारे जाम
सोने के,यहां ज़ुम्मन के घर में आज भी फूटी रकाबी है।अदम गोंडवी की ये लाइनें ब्लॉक क्षेत्र में वितरित किये गये आवासों व मौजूदा सिस्टम पर फिट बैठ रही हैं। यहां तो दर्जनों जुम्मन जैसे लोग हैं जो आज भी सरकार की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। जबकि अधिकतर ग्राम पंचायतों में
पूर्व में आवास सर्वे सूची में शामिल किये गये पात्रों को योजना का लाभ मिल चुका है।पूर्व में पात्रों को अनदेखा कर अपात्रों को लाभ दिया गया।प्रतिवर्ष ब्लॉक में एक हजार से अधिक आवास आते हैं।लेकिन शुरुआती दौर में पात्रों को अपात्र बनाने का खमियाजा जरूरतमंद भुगत रहे हैं।गांवों की राजनीति भी इसका एक कारण है।आवास सूची अधिकतर ग्राम पंचायतों में पूरी हो गयी है।अगर पुनः नई सूची बनती है और जरूरतमंद कच्चे घरों में रहने वाले लोगों का नाम आवास सूची में नही शामिल किया गया तो उनकी आवास पाने की आशा निराशा में बदल सकती है।योजना अंतर्गत डीह ब्लॉक के अंतर्गत ज्यादातर ग्राम पंचायतों में पूर्व की बनी सूची पूरी नहीं हो सकी।ग्राम पंचायत रायपुर टोड़ी के गांव किया निवासी प्रेमशंकर,प्रमोद कुमार जैसे दर्जनों पात्र ग्रामीण झोपड़ी के नीचे गुजर बसर करने को विवश है।छतोह ब्लॉक के महमदपुर नमकसार निवासी मो.मकसूद,,शाहिना,आदि आवास के इंतजार में घास फूस एवं तिरपाल के नीचे परिवार संग गुजर करने को विवश है।लेकिन जनप्रतिनिधि सहित विभागीय जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सो रहे है।जिससे सरकारी की अति महत्वाकांक्षी योजना प्रधान मंत्री आवास योजना कहीं ना कहीं गरीब पात्र जरूरतमंदों को मुंह चिढ़ाती नजर आ रही है।इस बावत मुख्य विकास अधिकारी पूजा यादव से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नही हो सका ।