प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए विशेष

7000 से ज्यादा घरों को रोशन किया पंकज सिंह ने

- भारतीय परम्परा के अनुसार, "एक शिक्षक वो जलता हुआ दीपक है, जो खुद जलकर दूसरों की जिंदगियों में उजाला भर देता है"।

कानपुर उत्तर प्रदेश । कहते हैं कि गुरु वह कुम्हार होता है जो मिट्टी को भी एक आकृति दे कर उसे मूल्यवान बना देता है। वास्तव में असली शिक्षक तो वही है जो उसके किरदार में झलकती है। शिक्षकों का तो कार्य ही छात्रों को शिक्षित करना है। लेकिन आधुनिक युग में सच्चे गुरु का मिलना असम्भव सा होता जा रहा है। इन सबके परे पंकज सिंह ने शिक्षा को जीवित रखने का कार्य किया और अब तक 7 हजार से ज्यादा बच्चों को शिक्षित कर उन्हें उच्च पदों पर आसीन किया । इनके संस्थान में प्रदेश के कई जिलों से लोग पढ़ने आते हैं। इस सफलता की कहानी लिखने वाले ज्यादातर विद्यार्थी मध्यम या गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार से होते हैं। इनका मकसद गरीब छात्रों की जिंदगी संवारना है जो अच्छी शिक्षा के अभाव में पीछे छूट जाते हैं। निजी कोचिंग संस्थानों ने पढ़ाई को व्यापार बना दिया है। फीस ज्यादा होने के कारण इन संस्थानों में गरीब विद्यार्थी पढ़ाई नहीं कर सकते। बाजारीकरण के इस दौर में छात्र अपना पैसा और समय दोनों बर्बाद करते हैं । यहां का अनुशासन भी अनूठा है। 20 साल में इस कोचिंग संस्थान से लगभग 7000 छात्र -छात्राएं सरकारी व बैंकों की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हुए हैं। गरीब विद्यार्थियों की मदद कर उनके जीवन को सफल बनाना ही हमारा मकसद है।

इसी संस्थान के छात्र मयंक तिवारी से बात की गई तो उन्होंने नम आंखों से सर का धन्यवाद कर बताया कि वह बहुत ही गरीब परिवार से हैं। पिता जी किसान है। सरकारी नौकरी पाना उनके लिए असंभव था। पंकज सर की वजह से वह एसएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसी तरह पिंटू चौरसिया एयर फोर्स, अविनाश सिंह इनकम टैक्स इंस्पेक्टर, आशीष रेलवे टेक्नीशियन, अभिलाष वर्मा पोस्टल डिपार्टमेंट, विद्यान द्विवेदी इंस्पेक्टर होम अफेयर्स, उत्तम शुक्ला इंस्पेक्टर गृह मंत्रालय विभाग, विपुल यादव उच्च न्यायालय आदि लोगों ने सफलता हासिल कर संस्थान को गौरवान्वित किया।