पॉलीथिन बैन का नही दिख रहा असर,प्रशासन की लापरवाही या वोट बैंक की चिंता?

कुरुद:-नगर में पाबंदी के बावजूद पालीथिन बैन का असर होता नहीं दिख रहा है। लोग धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।खास तौर पर पॉलीथिन से बने डिस्पोजल गिलास पर कोई रोक लगी नही दिख रहा है।नगर पँचायत के प्रशाशनिक अमला सिर्फ छोटे दुकानदार पर कार्यवाही कर अपना पल्ला झाड़ते दिख रहा है। स्तिथि यह है कि कुरुद देशी शराब दुकान के पास इस डिस्पोजल गिलास का पहाड़ लगा पड़ा है, जिस ओर न ही स्थानीय प्रशासन का ध्यान है न ही नगर के जागरूक जनप्रतिनिधियों का ? जिस वजह से दुकानदारों व ग्राहकों पर इसका असर नहीं दिख रहा है। हालांकि,कुछ दुकानदारों ने पालीथिन का उपयोग बंद कर दिया है। प्रशासनिक शिथिलता के कारण ही पालीथिन बैन का कुछ खास असर होता नहीं दिख रहा है। बता दें कि देशभर में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उत्पादन, बिक्री व उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक की 19 वस्तुओं पर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत प्रतिबंध लगाया गया है। यही नहीं 31 दिसंबर 2022 तक प्लास्टिक कैरी बैग की न्यूनतम मोटाई को 75 माइक्रोन से बढ़ाने की तैयारी है। इसके बाद 120 माइक्रोन के प्लास्टिक कैरी बैग ही इस्तेमाल कर सकेंगे। मोटे कैरी बैग होने पर इसके इस्तेमाल में भी कमी आने की उम्मीद की जा रही है।
इन पर लगी है पाबंदी :

ईयरबड्स,गुब्बारे की प्लास्टिक डंडी,प्लास्टिक के झंडे,कैंडी की प्लास्टिक डंडी,आइसक्रीम की प्लास्टिक डंडी,थर्मोकोल के सजावटी सामान,इनविटेशन कार्ड पर लगाई जाने वाली पन्नी,सिगरेट पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पन्नी,प्लास्टिक की प्लेट, ग्लास, कप, कांटे, चम्मच, स्ट्रॉ, ट्रे,मिठाई के डिब्बे पैक करने वाली पन्नी,100 माइक्रोन से पतले पीवीसी व प्लास्टिक के बैनर पर रोक लगाया गया है। इस विषय पर नगर पंचायत सीएमओ दीपक खाड़े जी से सम्पर्क किया गया संपर्क नही हो पाया।