मिलीभगत के चलते फल फूल रहा सट्टे का कारोबार?

कुरुद:-शहर में इन दिनों सट्टे का अवैध कारोबार जोर शोर से चल रहा है।एक रुपए को अस्सी रुपया बनाने के चक्कर में खासकर युवा वर्ग अधिक बर्बाद हो रहे हैं।
इसका गुणा भाग कर ग्राहक सट्टे की चपेट में बुरी तरह से फंस कर पैसा इस अवैध कारोबार में गंवा रहे है।शहर के पान के गुमटियों में,सब्जी मार्केट और चौक चौराहे में स्थित कई स्टोर्स व छोटे छोटे दुकानों में सट्टे लिखवाने वालों की भीड़ देखी जा सकती है।सटोरियों के चक्रव्यूह में लोग इस कदर फंस चुके हैं की इससे उबर नहींं पा रहे हैं।
ये सट्टे वाला है बेहद मशहूर
तहसील कार्यालय से नया बाजार को जोड़ने वाली सड़क के बीच स्तिथ एक ऑफिस खोलकर सट्टा लगवाने वाले का नाम शहर भर में मशहूर है। उस पर भी केस दर्ज हैं। नगर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंका लंबे समय से सट्टा संचालित करवा रहे हैं।

पुलिस और सटोरियों की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार नगर सहित आस पास के अंचल में पूरी तरह से फल फूल रहा है। सटोरियों ने भी गांव व नगर में अपना-अपना क्षेत्र बांटा हुआ है।
पुलिस से सांठगांठ के चलते ये अवैध कारोबार को बाकायदा लाइसेंसी कारोबार के रूप में खुले आम नगर में संचालित किया जा रहा है। पुलिस और सटोरिया की सेटिंग इतनी तगड़ी है कि ऊपर अधिकारियों को दिखाने ये सटोरिया अपने गुर्गों के नाम कभी कभार एक-दो प्रकरण बनवा देते हैं।ऊपर बैठे अफसरों को लगता है पुलिस कार्रवाई कर रही है।जबकि वास्तव में ये सांठगांठ का एक पहलू होता है।

सवाल ये है कि जब पुलिस सटोरियों के गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई करती है तो फिर उनसे पूछताछ कर सटोरियों तक क्यों नहीं पहुंच पाती ?कई बार सट्टा खिलाने का आरोप में पकड़े गए आरोपी के खिलाफ पुलिस क्या कार्यवाही अमल में लाती है और पुलिस की चेतावनी का सट्टा खिलाने वालों पर क्या असर पड़ता है.!

बंद हुई कार्रवाई तो फिर शुरू

शहर के साथ इलाके में सटोरियो के उपर पुलिस कार्यवाही बंद होने के बाद अब सट्टा जोर शोर से शुरू हो गया है,चौंक चौराहों के साथ साथ छोटे दुकानों में भी सट्टा लिखा जा रहा है पुराने सटोरियो के साथ नामचीन खाइवाल पुलिस की नाक के नीचे रोज लाखों का खेल कर रहे हैं पुलिस को भी इसकी जानकारी है लेकिन कार्यवाही रोक दी गई है।