पसान परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सेन्हा में हाथी विशेषज्ञ श्री प्रभात दुबे, जी द्वारा हाथी एवम मानव द्वंद को कम करने विषयक प्रशिक्षण दिया गया है।

- - कोरबा/पसान/ ? कटघोरा वन मंडल क्षेत्र में इन दिनों जंगली हाथियों का उत्पात सिर चढ़कर बोल रहा है. क्षेत्र के पसान और कटघोरा वन परिक्षेत्र में इन दिनों दो दर्जन से ज्यादा जंगली हाथियों का एक दल निर्भीक होकर विचरण कर रहा है. आलम ये है कि हाथियों का यह समूह रहवासी इलाको में घुसपैठ कर आम लोगो मे दहशत फैला रहा है. हाथियों से आम ग्रामीणों के बचाव और सम्पत्ति के नुकसान को रोकने वनमंडलाधिकारी प्रेमलता यादव और वन परिक्षेत्राधिकारी धर्मेन्द्र चौहान की अगुवाई में ठोस कदम उठाए जा रहे है । इसी कड़ी में कटघोरा वन मंडल की तरफ से पसान क्षेत्र में दंतैल के समूह को काबू करने हाथी विशेषज्ञ की मदद ली जा रही है. इस हेतु तीन दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन पसान रेंज में किया जा रहा है. शिविर में सरगुजा से पहुंचे हाथी विशेषज्ञ प्रभात दुबे की मदद ली जा रही. बता दे कि प्रभात दुबे को हाथियों के हमले से रोकथाम और उन्हें काबू में करने के सम्बंध में तकरीबन 30 वर्षो का लंबा अनुभव है. उन्ही की अगुवाई में पसान रेंज के ग्राम सेन्हा में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन शुरू हुआ । इस अवसर पर प्रभात दुबे ने जंगली हाथियों का समुचित प्रबंधन, हाथियों का व्यवहार, जंगली हाथियों से सुरक्षित रहने के उपाय, जंगली हाथियों की अलग- अलग पहचान करने के तरीके, जन- धन की हानी को न्यूनतम स्तर पर लाने की विधियाँ आदि विषय पर ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया. श्री दुबे ने प्रशिक्षण के दौरान बताया की जंगल के किनारे बने हुये एकाकी मकान हाथियों से ज्यादा प्रभावित होते है, हाथी रहवास वाले जंगलों में वनोपज संग्रहण करना खतरे का काम होता है. जंगल के रास्ते एवं पगडंडीया का उपयोग करने से दुर्घटना की अधिक संभावना रहती है साथ ही हाथी प्रभावित क्षेत्रों में खेत खलिहान में रात्रि में सोना जन हानी का कारण बन सकता है । प्रभात दुबे के द्वारा इस दौरान ग्रामीणों को नर, मादा, एवं मकना हाथी के विषय में बताया गया. प्रशिक्षक श्री दुबे के द्वारा लोनर हाथी एवं मस्थ हाथी के व्यवहार एवं पहचान की जानकारी दी गई साथ ही पगमार्क से हाथियों की हाईट पता करने व डंग (गोबर) से भी हाथियों की पहचान के तरीके बताया गया ।