गब्बर के खिलाफ नेता और अफसर गिरोह के रूप में सक्रिय हैं-रविंद्र

बहराइच। देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह के पीछे जिले के कुछ राजनेताओं और मंडल स्तर के कुछ अधिकारियों का एक काकस लगा हुआ है। हमारे पास तमाम प्रमाण होने के बाद भी हमारी सुनी नहीं जा रही है। तथाकथित पीड़ित सुधा मातनहेलिया स्वयं अपने पति का मृत्यु प्रमाणपत्र नगर पालिका से 2017 में बनवाती हैं और देवेंद्र सिंह के खिलाफ अपने पति के अपहरण का एफआईआर 2021 में दर्ज कराती हैं। 2004 में खरीदी गई जमीन का एफआईआर 2022 में दर्ज कराया जाता है। यह बातें जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह के बड़े भाई ग्राम प्रधान रविंद्र प्रताप सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताई।

जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह पिछले कई महीनों से जेल में बंद है। उनके ऊपर अपहरण समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज है। जिला पंचायत सदस्य के बड़े भाई का दावा है कि उनको फर्जी तरीके से फंसाया गया है। मंगलवार को ग्राम प्रधान ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता किया। उन्होंने देवीपाटन मंडल के डीआईजी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब उनके पास न्याय के लिए जाते हैं तो वह कहते हैं कि सुधा मातनहेलिया का मामला उनका व्यक्तिगत मामला है। ऐसे में निष्पक्ष न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है। सुधा मातनहेलिया ने जिस भवन को कब्जा करने का आरोप देवेंद्र सिंह पर लगाया है। सीओ सिटी ने उसी भवन के कब्जा मुक्त होने का हलफनामा हाईकोर्ट में दे रखा है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। सुधा मातनहेलिया ने अपने पति अरुण मातनहेलिया के मृत्यु होने की तिथि 20 अगस्त 17 को दिखाया है। उसी मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर वह अब अन्य बैंकिंग, खरीद-फरोख्त आदि कार्यों को अंजाम दे रही हैं। दूसरी तरफ उसी मृत पति के अपहरण का आरोप मेरे भाई पर लगाकर एफआईआर दर्ज करा रही हैं। पुलिस को जब सबूत देते हैं तो वह हमें बैरंग वापस कर देती है। आखिर कौन है इसके पीछे। डीएम और एसपी न्यायप्रिय हैं, लेकिन उन दोनो पर डीआईजी का दबाव है। यही नहीं कई नेताओं का भी दबाव है। देवेंद्र सिंह इसी दबाव की राजनीति का शिकार हो गए हैं। बिना किसी गलती के दर्जनों एफआईआर हमारे भाई के खिलाफ चंद दिनों में दर्ज करा दिए जाते हैं, आखिर कौन है इसके पीछे। उन्होंने अयोध्या जिले के एक अपराधी गिल्टू पाठक के इशारे पर अब पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने के मामले पर सवाल उठाया है। उन्होने आरोप लगाते हुये कहा कि देवेंद्र सिंह के खिलाफ एक संगठित गिरोह बन गया है। सुधा और गिल्टू पाठक उसी गिरोह के एक सदस्य हैं। बड़े-बड़े नेता और अधिकारी इस गिरोह को संचालित कर रहे हैं।