200 फर्जी कंपनियों के माध्यम से लोन ऐप के जरिए आरोपियों ने की जबरन वसूली, दस चीनी नागरिक समेत 14 लोग गिरफ्तारी, पांच राज्यों से हुई गिरफ्तारी

मुंबई।लोन ऐप के जरिए लोगों से जबरन वसूली के मामले की छानबीन कर रही मुंबई पुलिस की साइबर सेल को पता चला है कि आरोपियों ने 200 से ज्यादा फर्जी कंपनियां और लोन ऐप बना रखे हैं जिनसे लोगों को चूना लगाया जा रहा है। साइबर सेल अब तक ठगी के लिए इस्तेमाल हुए 360 बैंक खातों को फ्रीज कर चुकी है जिनमें लोगों से ठगे गए 14 करोड़ से ज्यादा की रकम मौजूद है। इसके अलावा गिरफ्तार किए गए 14 आरोपियों से मिली जानकारी के बाद 2 लाख 17 हजार अमेरिकी डॉलर के कीमत की क्रिप्टो करंसी भी जब्त की गई है। पुलिस को 50 से ज्यादा क्रिप्टो वॉलेट मिले हैं जिनके जरिए आरोपी लोगों से ठगी गई रकम क्रिप्टों में निवेश कर रहे थे।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) सुहास वारके ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोन ऐप डाउनलोड करने के बाद तभी काम करते हैं जब उन्हें फोन में मौजूद कांटैक्ट डीटेल, गैलरी तक पहुंच, कैमरा इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए। इसके साथ लोगों से उनके आधारकार्ड, पैनकार्ड जैसे अहम दस्तावेज की जानकारी भी ली जाती है। इसके बाद 5 से 10 हजार रुपए कर्ज लेने वालों से भी मोटी रकम वसूल की जाती है। जो पैसे नहीं वापस कर पाते उनकी तस्वीरों को फर्जी तरीके से उनके जान पहचान के लोगों और रिश्तेदारों को भेजकर ब्लैकमेल किया जाता है।

विदेश से जुड़े हैं संगठित गिरोह के तार

पुलिस की छानबीन में खुलासा हुआ है कि ज्यादातर ऐप चलाने वाले एक ही गिरोह से जुड़े हुए हैं। इस गिरोह की जड़े चीन और नेपाल में हैं। ब्लैकमेल करने के लिए कर्ज लेने वालों का सारा डाटा जमा करके रखा जाता था। इसके अलावा शुरूआती वसूली, कर्ज वापस न करने पर वसूली, अश्लील तस्वीर वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के लिए गिरोह ने अलग-अलग टीमें बना रखी थीं।

मां की बीमारी के इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ा मंहगा

एक शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसकी मां बीमार थी और उसके पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे इसलिए उसने 10 अलग-अलग ऐप से 3 लाख 85 हजार रुपए का कर्ज ले लिया। इसके बाद आरोपियों ने धीरे-धीरे उससे 22 लाख रुपए वसूल लिए। लेकिन इसके बाद भी वसूली की सिलसिला नहीं थमा और उसकी अश्लील तस्वीरें जान पहचान के लोगों का ह्वाट्सएप ग्रुप बनाकर पोस्ट करने की धमकी दी जाती रहीं जिसके बाद उसने मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि लोन ऐप के बजाय अधिकृत बैंकों से ही कर्ज लें और इस तरह परेशान किए जाने पर तुरंत मामले की सूचना पुलिस को दें।

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मुंबई क्राइम ब्रांच के साइबर पुलिस अधिकारियों, ने एक इंटरनेशनल लोन ऐप फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह में कम से कम दस चीनी नागरिक शामिल थे और वे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करके भारत से मनी लॉन्ड्रिंग के लाभार्थी थे. साइबर पुलिस, ने देशभर से ऐसे 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस बाबत पुलिस ने कहा कि आरोपी 2018 से धोखाधड़ी कर रहे थे और पीड़ितों की संख्या 1,000 से ज्यादा हो सकती है और चोरी की गई कुल धनराशि कई सौ करोड़ रुपये हो सकती है.

आरोपी कैसे करते थे पैसे ट्रांसफर
शुक्रवार को एक प्रेस कॉंफ्रेंस को संबोधित करते हुए, मुंबई पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) सुहास वारके ने कहा, ?आरोपी ने 360 से ज्यादा बैंक खाते और 200 से ज्यादा शेल कंपनियों को अवैध रूप से कमाए गए धन को निकालने के लिए खोली थी. आरोपियों ने पैसे ट्रांसफर करने के लिए 50 से अधिक क्रिप्टो करेंसी वॉलेट अकाउंट का इस्तेमाल किया था.

हालांकि पुलिस ने उन ऐप्स के नाम का जिक्र नहीं किया। मुंबई पुलिस के एक बयान में, उन्होंने ₹ 14 करोड़ के साथ 360 बैंक खातों और 50 से अधिक क्रिप्टो वॉलेट्स में $2.17 लाख को फ्रीज कर दिया है। इसके अलावा पुलिस ने शुक्रवार को 211 सिम कार्ड, 39 मोबाइल फोन और 19 लैपटॉप भी जब्त किए।

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