पहली बारिश की झड़ी ने खोली नगर पंचायत के दावों की पोल,पानी पानी हुआ कुरुद।

कुरुद:- नगर में शुक्रवार और शनिवार को हुई बारिश ने नगर पंचायत के दावों की पोल खोल कर रख दी। इस सीजन की पहली झड़ी ने एक ओर गर्मी से राहत दिलाई, वहीं दूसरी ओर किसानों ने भी राहत की सांस ली। लेकिन बारिश से नगर के लोगों को परेशानी भी हुई। पहली ही बारिश को कुरुद झेल नहीं पाया। नगर पंचायत के दावों की पोल पहली ही बरसात ने पुरी तरह से खोल कर रख दी। सड़क में नाली का पूरा मलबा आ गया। साथ ही कई मोहल्ला तालाब का रूप ले लिया। घरों तक पानी पहुंचने लगा। शहर के दानिपारा, ,शांति नगर, इंदिरा नगर, में कीचड़ और पानी जमा होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मेन रोड के गड्ढों में पानी भरने से लोगों का आवागमन दूभर हो गया। अभी भी कई जगह पर पानी भरा है। शहर के सड़कों पर जगह-जगह पानी की निकासी नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। वाहनों के आवागमन के दौरान सड़क के गंदे पानी छींटा लोगों पर पड़ रहा है। नगर के दानिपारा में हालात तो बद से बद्दतर देखने को मिला घुटनो तक भरे पानी को पार करना लोगो की मजबूरी बन गया है, कुछ इसी तरह के हालात नगर के अस्पताल का देखने को मिला।

सीएमओ व एडीएम को कोई मतलब नहीं


नगर की समस्या को लेकर जिम्मेदार सीएमओ व एसडीएम को कोई मतलब नहीं है। शहर में पहली बार मानसूनी बारिश हुई उसको भी कुरुद झेल नहीं पाया। नगर के हर मोहल्ले में सड़क से घरों तक पानी भर गया। नाली का मलबा सड़क में बहने लगा। इसके बावजूद जिम्मेदार सीएमओ व एसडीएम शहर में झांकने तक नहीं निकले। उसको शहर की किसी भी समस्या से कोई मतलब नहीं है।

शहर में जलजमाव बड़ी समस्या


शहर में जलजमाव एक बड़ी समस्या है। बारिश के दिनों में नगर के आधे से अधिक मोहल्लों में जल जमाव होने से शहर के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए एहतियात बरतना जरूरी है। मानसून आने से पहले ही नालियों की पूरी तरह से सफाई करने के साथ ही जल जमाव वाले स्थानों को चिन्हांकित कर डस्ट पाटा जाना चाहिए। यह काम मई माह तक हो जाना चाहिए। लेकिन नगर पंचायत ने जून माह तक नालियों की सफाई करने की औपचारिकता भी नही निभाई। जलजभाव वाले जगह में डस्ट पाटना चाहिए। इंदिरा नगर, शांति नगर,सरकारी अस्पताल सहित अन्य मोहल्ले में बारिश का पानी की निकासी नहीं होने से मोहल्लों में ही जाम रहता है। पानी की निकासी नहीं होने से लोगों को आवागमन के लिए असुविधा का सामना करना पड़ता है। मोहल्लों में जल जमाव होने से सबसे बड़ी परेशानी मच्छरों से होती है। गड्ढों में पानी का भराव होने से मच्छरों की संख्या में इजाफा होता है। जिसके कारण लोग मलेरिया, डायरिया जैसे विभिन्न रोगों के शिकार होते हैं।

क्या कहते है मोहल्लेवासी


वार्ड वासियों का कहना है कि वार्ड में एक तो नाली का पानी सड़कों पर आ जाता है। वहीं बारिश के पानी की निकासी नहीं होने से मोहल्ले में ही स्थिर हो जाता है। जिसका खामियाजा मोहल्ले के लोगों को भुगतना पड़ता है। बरसात से पहले नगर पंचायत जाम नाली की सफाई तो करा नही रही है लेकिन जलजमाव वाले मोहल्लों में बजरी या मुरूम पाटने को लेकर गंभीर नहीं है।