पनकी कछुआ तालाब मे एक और कछुए की हुई मौत

कानपुर (महेश प्रताप सिंह). दिनाँक 15/05/2022 को एक बार फिर लगभग 140-150 वर्ष पुराने विशालकाय कछुए की मौत हो गई। जिसकी सूचना मिलते ही आज दिनाँक 16/05/22 को भारतीय जीवजंतु कल्याण बोर्ड भारत सरकार की मानद जीवजन्तु कल्याण अधिकारी एडवोकेट पूनम पाण्डेय घटना स्थल पर पहुँची । चूंकि मृत कछुए को बिना किसी को जानकारी दिये वहाँ के केयरटेकर द्वारा दफना दिया गया था इसलिए घटनास्थल से डायल 112, डीएफओ, डीएम कानपुर को फोन द्वारा अवगत कराया।

112,पनकी थाने की पुलिस,असिस्टेंट कंजर्वेशन फॉरेस्ट ऑफिसर,डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट रेंजर,कछुआ तालाब के केयरटेकर देवी दयाल पाठक और अन्य स्थानीय लोगों की मौजूदगी में मृत विशालकाय कछुए को खुदवाकर बाहर निकलवाया और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। कछुए की मौत वहाँ के दूषित,गन्दे बदबूदार,पानी की अत्यन्त कमी और लापरवाही की वजह से हुई प्रतीत होती है फिलहाल प्रमुख कारण पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। एडवोकेट पूनम पाण्डेय ने इन जलीय जीवों की मौत के लिए नगर आयुक्त कानपुर एवम अन्य समन्धित अधिकारियों को जिम्मेदार बताते हुए उन पर पशुक्रूरता अधिनियम 1960 एवं वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत विधिक कार्यवाही करने की बात की है। क्योंकि आज इन जलीय जीवों की मौत का प्रमुख कारण बिना किसी प्लानिंग के किये गए कार्य,जलीय जीवों की उपेक्षा,हत्याजनित कारक उत्पन्न करते हुए उनके जीवन को खतरे में डालना है।उपरोक्त विषय की समस्त जानकारी पूनम पाण्डेय ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को एवम एनिमल वेलफेयर बोर्ड को मेल द्वारा भेज दी है।