ट्रक, ट्रैक्टर में बारात,हादसों में जा रही लोगो की जान।

कुरूद/धमतरी:-ग्राम परसवानी से ट्रैक्टर में महिलाएं चौथिया जा रहें थे कि अचानक चलते ट्रैक्टर ट्रॉली का डाला खुल गया और महिलाएं सड़क पर गिर गई . इस गंभीर हादसे में एक महिला की मृत्यु हो गई । और कुछ महिलाएं घायल हो गए . महिलाओं को ट्रैक्टर से चौथिया जाना भारी पड़ गया . घटना के बाद सभी लोग चौथिया न जाकर वापस घर लौट गए . पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 21 अप्रैल को ग्राम कोसमर्रा निवासी नर्बदा बाई पति सुरेश साहू 50 वर्ष अपनी भतीजी चेमिन साहू की चौथिया कार्यक्रम में ट्रेक्टर क्रमांक सीजी 05 डीए 3522 में अन्य महिलाओं के साथ ग्राम चर्रा जा रही थीं . लगभग 5.30 बजे ग्राम कुहकुहा में वाहन चालक तामेश्वर यादव द्वारा लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने के कारण ट्रैक्टर ट्रॉली का डाला खुल गया जिससे यह हादसा हुआ . एक महिला को ईलाज हेतु सिविल अस्पताल कुरूद लाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
कुरूद नगर समेत जिले भर में मालवाहक वाहनों में संबंधित विभाग की कार्यशैली के कारण क्षमता से अधिक बारातियों को बेखौफ ढोया जा रहा है। लोगों को ट्राली व डाले में बिठाकर सड़क पर बेलगाम दौड़ते वाहनों के कारण घटित हो रहे सड़क हादसे में मौतों का सिलसिला जारी है। बावजूद इसके यातायात पुलिस एवं परिवहन अमला पूरी तरह उदासीन नजर आ रहा है।
इन दिनों रोजाना वैवाहिक समारोह में शामिल होने बड़ी संख्या में ग्रामीण टाटा मैजिक, पिकप, ट्रैक्टर एवं 407 जैसे मालवाहक वाहनों में लद कर आवाजाही कर रहे हैं। पिकप एवं टाटा मैजिक जैसे मालवाहक वाहनों में यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए क्षमता से अधिक बाराती ढोए जा रहे हैं। यहीं कारण है कि ऐसे वाहनों की बेलगाम रफ्तार की वजह से इन दिन घटित हादसों में ग्रामीणों की मौतों एवं आहत होने का सिलसिला अनवरत्? जारी है।
पैसों की बचत से बढ़ी मांग-

ग्रामीणों का कहना है कि बारात या अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए गांव में छोटे मालवाहक वाहन आसानी से उपलब्ध होने के साथ-साथ सस्ते किराए में मिल जाते हैं। उनका कहना है कि 20-30 किलोमीटर जाने के लिए दो-चार हजार रुपए किराये पर छोटे मालवाहक सहजता से मिल जाते हैं। जबकि लग्जरी वाहनों का भारी भरकम किराया देना उनके बस की बात नहीं है। यहीं कारण है कि विकल्प के रूप में छोटे मालवाहक वाहनों की ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा मांग है। इन छोटे मालवाहक वाहनों के डाले में 30-40 बाराती आसानी से लद जाते हैं। संबंधित महकमें के अधिकारी भी ये बात स्वीकार करते हैं कि गांवों में छोटे मालवाहक वाहनों का उपयोग बढ़ा है। खासकर शादी विवाह में बारातियों को लाने ले जाने के लिए इन वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है। सस्ता और सुलभ होने के कारण ऐसे वाहनों की मांग बढ़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो ऐसे वाहन परिवहन का एकमात्र साधन बन गए हैं। इन वाहनों में क्षमता से अधिक लोगों को बैठाने तथा तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने के कारण दुर्घटनाओं में इजाफा होना चिंताजनक है।
सड़कों में दौड़ती ओवर लोड वाहनों और मालवाहक वाहनों में यात्रियों का परिवहन इस बात को दर्शाता है कि एंट्री दो और परिवहन नियमों को तोड़ते रहो। ट्रैक्टर, पिकप, छोटा हाथी एवं मिनी ट्रक जैसे मालवाहक वाहनों में बिना किसी रोक टोक के दर्जनों की संख्या में यात्रियों को ढोया जा रहा है। ऐसे वाहन मालिक यात्री परिवहन के नाम पर ग्रामीणों से मनमाना राशि वसूल रहे हैं। इसी प्रकार राज्य शासन के परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वाहनों में ओवर लोड परिवहन बदस्तूर जारी है। चेकिंग के नाम पर महज कागजी खाना पूर्ति की जाती है। ओवर लोड माल परिवहन से लगातार शासन को राजस्व की क्षति होने के साथ ही दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है।

नौसिखियों से सबसे ज्यादा खतरा-
एक-दो माह वाहन चालक का सहायक बनकर ड्राइवर बनने वाले नौसिखिए वाहन चालकों के कारण घटित होने वाले सड़क दुर्घटनाओं से आए दिन मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। ट्रैक्टरों की स्थिति तो यह है कि मजदूर ही ट्रैक्टर चलाने लगे हैं। इनकी जांच से किसी को कोई सरोकार नहीं है।

शराब पीकर वाहन चलाने से भी बढ़े हादसे

शादी बारात में शराब परोसे जाने से ड्राइवर और कन्डेक्टर को भी शराब परोस दी जाती हैं, जिस वजह से भी हादसा होना एक प्रमुख कारण है।