कांग्रेस मे रह रहे भू-माफियाओं को मिला खुला संरक्षण, भू-माफियाओं के सामनें प्रशासन भी नतमस्तक

बैकुण्ठपुर। शिवपुर चरचा राष्ट्रीय राज्य मार्ग 43 के बगल मे बेशकीमती सरकारी जमीन पर भू-माफिया खुलेआम कुटरचना करते हुऐ शासन-प्रशासन को प्रति माह लगभग लाखों-करोड़ों के वारे न्यारे कर रहे हैं। यहां सरकारी जमीन पर मनमाने अतिक्रमण से लेकर कृषि भूमि की तबादले के नाम पर पसंद के स्थान पर जमीन लेकर कृषि के बजाए आवासीय और व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। खासबात यह है कि ऐसे मामलों में राज्य शासन से सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी होने के बाद भी स्थानीय प्रशासन का उदासीन रवैया सवाल खड़े करता है। शहर और आसपास जमीन तबादले के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है। यह वो प्रक्रिया जिसमें भू-माफिया कौडिय़ों के मोल की अपनी जमीन प्रशासन को देकर उसके बदले में सरकारी जमीन शहर और आसपास ले रहे हैं। खासबात यह है कि ऐसे जमीन पर सिर्फ खेती की जा सकती है, लेकिन यहां तबादले की जमीन पर भी आलीशान मकान तन रहे हैं और जिम्मेंदार अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भू-माफिया शहर सहित ग्राम पंचायतों मे भी घुम/घुम कर शासकिय जमीन की जानकारी रखते है। सुत्रों से एक मामला सामनें आया है जिसमे वर्तमान मे सुर्खियां बटोर रहे तथाकथित नवनिर्वाचित अध्यक्ष पति के द्वारा एक किसान को कुछ रुपये उधार के तौर पर ब्याज मे अध्यक्ष पति ने दी थी, उक्त किसान को पंचशाला पट्टे की जमीन मिली हुई थी और मुख्य मार्ग से लगी होनें के कारण कांग्रेस के छुट भैया नेता के द्वारा उक्त जमीन को बिना अनुमति के ही अपनें नाम रजिष्ट्री करा लिया गया, उक्त रजिस्ट्री के समय उप राजिस्टार अधिकारी बारीकियों से समस्त दस्तावेज की जांच करने के बाद ही रजिस्ट्री किया करते है किंतु यहां तथाकथित कांग्रेसी नेता अध्यक्ष पति के द्वारा कूट रचना करते हुए पंच साला पट्टे की जमीन को अपने नाम करा लिया है। इतना ही नहीं अध्यक्ष पति के द्वारा शिवपुर चरचा मे ही कुछ जमीन फर्जी तरीके से लेते हुए अपनें सहपाठी के नाम भी करा कर रखा गया है। इस संबंध मे राजस्व विभाग मे आवेदन लगानें पहूंचे लोगों ने बताया की जब उक्त अनुमती विहिन जमीन के संबंध मे आवेदन दिया गया तब वहां बैठे कर्माचारी के पशिनें छुटनें लगे, इसबात से भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि, भू-माफियाओं के चंगुल मे राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारी भी दबाव के कारण फंस चुके है। अध्यक्ष पति के द्वारा शासन प्रशासन के सांथ कुटरचना करते हुए जमीन अपनें करा लिए है। अब देखना यह लाजमी होगा कि प्रशासन के द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की जाती है।