नवन्यूक्त पार्षदों से वार्डवाशियों का सवाल कितनें मे बिके, वार्ड वासियों के साथ नहीं मनाया जीत का जश्न

बैकुण्ठपुर। कोरिया जिले के दो नगरी निकाय बैकुण्ठपुर व शिवपुर चरचा मे चुनाव सम्पन्न हुआ। नपा चुनाव 20 दिसम्बर 2021 को मतदान हुआ तो वहीं 23 दिसम्बर 2021 को मतगणना किया गया, जिसमे दोनों नगरी निकाय के 35 वार्डों के पार्षदों के जीत हार की घोषडा की गई। दोनों निकाय शिवपुर चरचा व बैकुण्ठपुर मे पुर्ण बहूमत के सांथ कांग्रेस के पार्षद चुनाव जीते, वर्तमान मे हुऐ चुनाव मे पार्षदों के द्वारा ही नपा अध्यक्ष चुना जाना है, जिसकों लेकर दोंनों शहरों मे घमासान देखनें को मिला है। वहीं एक जनवरी 2022 को दोनों नपा मे अध्यक्ष का चुनाव होगा और शपत भी ली जाऐगी। इस बिच शहर मे चर्चा का माहौल गरम है की जैसे ही 23 दिसम्बर 2021 को मतगणना का परिणाम आया सभी कांग्रेस के जीते हुए पार्षदों को मुख्यमंत्री से मिलवानें के नाम पर ले जाया गया। लेकिन यहां स्थिति ऐसी बनी की जीतनें वाले कांग्रेस के जितनें पार्षद गए थे उनके सभी को मोबाईल बंद करा दिए गए थे। वहीं जब शहरवाशियों को अपनें नवनिर्वाचित पार्षदों से सम्पर्क करना था तब सम्पर्क नहीं होनें से शहर मे इसकी जानकारी ली जाने लगी तब पता चला की जनता के जनप्रतिनिधि शहर से अचानक गायब हो चुके है। एक दो दिनों बाद शहर मे हल्ला होनें लगा की सभी पार्षदों को अध्यक्ष चुननें के लिए दस लाख रुपये, बंगला व गाडी दिया जाऐगा, इतना सुनते ही वार्डवाशी सक्ते मे आ गए और उन्होनें मन बनाया की अब जब भी हमारे चुनें हुए जनप्रतिनिधि आऐंगे तो हम पुछेंगे महोदय कितनें रुपयों मे बीके, मिली राशि का उपयोग वार्डों की मुलभुत सुविधाओं मे खर्च की जाएगी या उक्त मिली राशि आप अपनें स्वयं पर खर्च करेंगे। सुत्रों की मानें तो जैसे जैसे एक जनवरी 2022 नजदीक आया वैसे वैसे ही वार्डवाशियों के प्रश्न भी बढनें लगे, अब तो वार्डवाशियों का कहना है की हमे पुरा हक है की हम अपनें द्वारा चुनें जनप्रतिनिधि से पुछ सकते है की आपको मिले बंगले को वार्ड मे रह रहे अत्यंत गरीब परिवार को दिया जाऐ सांथ ही जो लाखों रुपये मिलेंगे व कार को गरीब परिवार के मुखिया को दे कर उसके आर्थिक स्थति के अनुसार उसे व्यवसाय के लिए पुर्ण सहयोग करें। सांथ ही सबसे पहले वार्डों के एक एक घरों मे जा कर जिस प्रकार वोट मांगे थे उसी प्रकार उनकी समस्या पुछे और त्वरित निराकरण करें। वार्डवाशियों ने यह भी स्पष्ट कहा है की जब नपा अध्यक्ष बननें के लिए करोड़ों रुपया दिया जा रहा है पार्षदों को तब वह रुपये वापस कैसे आऐगी, भ्रष्टाचार करनें के बाद, ऐसी स्थिति मे तो नपा क्षेत्र मे विकाश की रफ्तार वैसे भी स्लो थी अब तो विकाश का नाम लेनें मे भी डर लगनें लगेगा, जो करोड़ों रुपए देकर अध्यक्ष की कुर्सी को खरीद रहे हैं वह लोग कम से कम पांच करोड़ भ्रष्टाचार के तहत कमाएंगे और हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ जो पार्षद रुपयों में बिके हैं वह भ्रष्टाचार को रोकने में भी असमर्थ रहेंगे।