जिले के तेज तर्रार पुलिस कप्तान की टीम को लगभग 17 माह से फरार आरोपी को पकडनें मे नहीं मिली सफलता 

बैकुण्ठपुर। जिले के तेज तर्रार पुलिस कप्तान संतोष सिह के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना छत्तीसगढ़ सहित मुम्बई तक के लोग कर रहे है। वहीं जिले मे अवैध ड्रक के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम का भी असर लगातार देखनें को मिल रहा है, जो किसी से भी छुपा नहीं है, लेकिन अब निजात अभियान से कई य बेगुनाहों को भी पुलिस बुनाहगार बनानें की कोई कसर नहीं छोड रही है। कई वर्ष, कई माह व कुछ दिनों के मामलों मे त्वरित कार्यवाही की जा रही है, जबकि एक मामला शासकिय महिला कर्मचारी का भी लगभग 17 माह से फाईलों मे ही दबा पडा है, जिसकी जानकारी पीड़ित महिला स्वयं पुलिस अधीक्षक को इसकी जानकारी दे चुकी है। लेकिन इसके बाद भी पुलिस के द्वारा 01 मई 2020 को मुख्यालय के अजाक थानें मे दर्ज एसटी,एससी, 420 व 376 जैसे संगिन मामले का आरोपी लगातार जिला मुख्यालय के आसपास ही नजर आ रहा है ऐसा सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हम कह रहे है। सांथ ही पीडित महिला का भी कहना है की आरोपी बैकुण्ठपुर के आसपास बिना किसी डर भय के खुले आम घुम रहा है, कई बार पुलिस को महिला नें आरोपी के लोकेशन की जानकारी दी है। इसके बाद भी फरार आरोपी मजहर खान को पुलिस के द्वारा नहीं गिरफ्तार कर पाना समझ से परे है। पीडित महिला को आरोपी कई बार बैकुण्ठपुर निवास मे व रास्ते मे केश वापस लेनें का दबाव तक बना रहा था जिसकी शिकायत तक पुलिस लेनें से इंकार करती रही और अंत मे शिकायत भी नहीं ली, तीन चार दिनों बाद पीडित महिला को गोल गोल बैकुण्ठपुर व चरचा का चक्कर कटवाती रही तब कहीं जा कर मामला पंजिबद्ध किया गया।पीडित महिला को पुलिस के द्वारा भी कई बार शासकिय दस्तावेजों को देनें के नाम पर प्रतिडित तक किया गया, यहां तक की जिला न्यायालय के द्वारा आरोपी के सम्पत्ति को कुर्की करनें का आदेश भी जारी किया गया लेकिन अबतक आरोपी की सम्पत्ती को कुर्क तक नहीं किया गया कई महिनें बीत गए। इतनें गंभीर मामलेें को लेेेकर पुलिस कार्यवाही करनें मे क्यों हीचक रही है यह बता पाना भी असंभव है, हां यदि इस मामले की जगह कोडिन या इंजेक्सन का मामला होता तो आरक्षक ही बेगुनाहों को पकड कर अपराध कायम कर देते। कोरिया पुलिस अधिक्षक के निजात अभियान मे बेंचनें वालें लेनें वाले चाहे वह मुखबीर ही क्यों ना हो दोनों के उपर कार्यवाही करनें के लिए निर्देश दिया गया है। लेकिन पुलिस कप्तान के निजात अभियान मे कोतवाली पुलिस के एक आरक्षक स्वयं कोडिन युक्त शिरफ रखा है और युवा के उपर फर्जी कार्यवाही करा रहा है, हलाकि इस संबंध मे पुलिस कप्तान नें जांच करनें की बात कही है। उससे पहले आरक्षक के उपर आम आदमियों की तरह ड्रग रखनें के को लेकर एनडीपिएस एक्ट के तहत कार्यवाही करनी चाहिए, जैसे आम लोगों के सांथ पुलिस कर रही है, सुत्रों की मानें तो पुलिस विभाग मे होनें के कारण आरक्षक को भी संरक्षण अधिकारियों का मिल रहा है, इसलिए बिना किसी डर भय के वह ड्रग लेकर खुले आम घुम रहा है। पुलिस अधिक्षक कोरिया यदि कोरिया को नशा मुक्त करनें अभियान चला रहे है तो अपने विभाग मे रह रहे ड्रग माफियाओं के उपर पहले कार्यवाही करनें की जरुरत है, तब जा कर जिला नशा मुक्त होगा।