CAB पर शिवसेना ने कहा सभी घुसपैठिए को गुजरात भेज दिया जाए

(संवाददाता लियाकत शाह) एनडीए से अलग होने के बाद शिवसेना ने मोदी सरकार के ख़िलाफ़ नए तरीक़े से हमला शुरू कर दिया है। अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ तीखा संपादकीय लिखा है। शिवसेना ने सरकार पर आरोप लगाया है कि इस विधेयक के ज़रिए सरकार देश को हिंदू और मुसलमानों में बांट देना चाहती है। शिवसेना ने कहा है कि इस विधेयक के ज़रिए बीजेपी सरकार ‘कुछ घुसपैठिए’ को मान्यता दे रही है। शिवसेना ने लिखा है, “सरकार कहती है घुसपैठिए को खदेड़ेंगे। उसी समय जो लोग पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश आदि देशों से यहां आए हैं उसमें से मुसलमानों को छोड़कर हिंदू, सिंधी, फारसी, जैन आदि धर्म के लोगों को हिंदुस्थान की नागरिकता दी जाएगी। अर्थात ये तमाम अन्य देशों के अल्पसंख्यक लोग घुसपैठिए हैं परंतु इन्हें अब हमारे देश के नागरिक के रूप में स्वीकार किया जाएगा, ऐसा ‘विचार’ पक्का हो गया है।” शिवसेना ने आरोप लगाया है कि देश इस वक़्त समस्याओं से जूझ रहा है, अर्थव्यवस्था में ज़बरदस्त गिरावट आई है, प्याज़ का भाव लगातार ऊपर चढ़ता जा रहा है ऐसे में इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक पेश कर रही है। शिवसेना ने नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के गृह राज्य को सभी घुसपैठियों को समायोजित करने की अपील की है। पार्टी का कहना है, “घुसपैठिए किसी भी जाति अथवा धर्म के हों, उनसे हमारे राज्य के भूगोल, इतिहास और संस्कृति को चोट पहुंचेगी तथा नया वर्ग कलह निर्माण होगा। ऐसा जिन राज्यों को लगता है उनमें भाजपा शासित राज्य भी हैं। पश्चिम बंगाल, मेघालय, आसाम, अरुणाचल, सिक्किम, मिजोरम आदि राज्यों ने घुसपैठियों को छाती पर बैठाने का विरोध किया है. इसलिए विदेशों से आए ज्यादा-से-ज्यादा निर्वासित लोगों को समाहित करने की जिम्मेदारी गुजरात जैसे राज्य पर है।” उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार वोट बैंक के लिए ये कदम उठा रही है। शिवसेना का मानना है कि देश में किसी भी घुसपैठिए को जगह नहीं मिलनी चाहिए और देश में बाहरी देशों के रहने वाले लोगों की संख्या बीजेपी को बताना चाहिए।