परियों की कहानी एक पापा की जुबानी

परियों की कहानी एक पापा की जुबानी कलियों से कब, वो फूल बन गई नाजुक थी जो बेटियां,वो आग बन गई परियां थी जो अब तक पापा की। पंख काट दिए उनके पापा ने।। उड़ान भरने की जो सीख दी थी कभी उन्हें। कृपाण पकड़ाकर शेरनी बना दिया पापा ने।। तहजीब में रहना सिखाया था पापा ने। - आवाज उठाकर चिल्लाना सिखा दिया पापा ने।। किसी मदद की आस ना रखना बेटा।। अपनी इज्जत की खातिर।। मौत के घाट उतार देना दरिंदों को।। बस यही समझाना रह गया था।। अब यह सबक भी सिखा दिया उन्हे पापा ने ।। 'रशमीत कौर बिंद्रा (व्हटसप:9250621891)। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेशनल अकाली दल (महिला विंग) फाउंडर/राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरीत इवेंट्स फाउंडेशन ट्रस्ट (रजि.) ब्रान्ड एम्बेसडर(AHCF) वूमेन इम्पावरमेन्ट दिल्ली / 2nd News - (अब डर मुझमें भी लगने लगा - मांग करो सरकार से, हर रेपिस्ट को, फांसी दो या जिंदा जला दो)   आज डर मुझमें भी है।क्योंकि अब लगने लगा है।कि सर्टिफिकेट मिल गया सभी नामर्दों को,अपनी मर्दानगी दिखाने का।पता है कि यह भारत देश है जहां सज़ा आसानी से नहीं मिलती।मगर आज नफरत और गुस्सा इस कदर भर चुका है कि जहां कहीं भी कुछ गलत दिखा मुझे।तो सच कहूं तो खून करने से भी पीछे नहीं हटूंगी मैं।आज फिर फेसबुक भर गया डॉ. प्रियंका रेडी के रेप की फोटोग्राफ और न्यूज़ से। क्या लगता है आप सब लोगों को, हर कोई अपने अपने तरीके से बहुत कुछ शेयर कर रहें है। रिजल्ट??? क्या होगा इससे। सरकार ने क्या फैसला किया। जली हुई लाश मिल गई,रेपिस्ट पकड़े गए, जुर्म कबूल हो गया,सजा कहां मिली। इंतजार और सिर्फ इंतजार। अभी तक कोई फैसला नहीं।सरकार के भरोसे रहोगे तो इंतजार ही करोगे ।निर्भया केस या राम रहीम,आसाराम,दुनिया जहान के जितने भी रेपिस्ट है सभी जेल में आराम से कमरों में बैठकर रोटियां सेक रहें हैं उन्हें सजा नहीं मिली तो आपको क्या लगता है ,कि अब मोदी या कोई भी सरकार या कोई भी हाईकोर्ट फैसला इतनी आसानी से दे देगी ,जो पहले वालों को नहीं दिया तो इस नए वालों को क्या देगी। रातों-रात फैसले लिये गये नोटबंदी के।धारा हट गई।मगर रेपिस्ट को संभाल कर रखा जाता है। इसके बारे में हम सब लोगों को एक साथ होकर कुछ ना कुछ सोचना होगा। सरकार हमने बनाई है ,खुद उन्होंने नहीं ।वोट हमने उन्हें दिए। अगर हम कुर्सी पर बिठा सकते हैं तो कुर्सी से उतारने का हक आप सब लोगों का है ,जिन्होंने उन्हें वोट दिया ।मैंने तो खैर आज तक कभी वोट जिंदगी में डाली ही नहीं ।क्योंकि मैं जानती हूं ,यह सरकार सिर्फ और सिर्फ अपने लिए होती है ।भिखारी।भीख मांगने के लिए आते हैं इलेक्शन में,और मिलने के बाद राजा बनके राज करते हैं ।और फिर जनता को भिखारी बना कर भीख मांगने पर मजबूर करते हैं ।कि वह अपना हक हमसे मांगे। तो इसमें गलती जनता की है।सरकार की नहीं।जनता उन्हें राजा बनाती है और खुद भिखारी बन जाती है। तो अपना फैसला करने के लिए अपना और अपनी ताकत दोनों का खुद ही इस्तेमाल करो ।दूसरों से मत मांगो।जहां रेपिस्ट को देखो वहां खुद उन्हें जला दो, जान से खत्म कर दो पुलिस के हवाले करने की भी जरूरत नहीं ,फैसला ऑन द स्पॉट पॉइंट करो ।अपनी सरकार खुद अपने हाथ में लो। अलग-अलग पोस्ट शेयर करने से अच्छा है एक जगह तय करो। सब लोग इकट्ठे हो ,और बैठ जाओ सरकार के खिलाफ धरने पर। मांग करो सरकार से,हर रेपिस्ट को ,सेम डे ,ऑन द स्पॉट पॉइंट, (फांसी दो या जिंदा जला दो)