पोड़ी उपरोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में लापरवाही रिफर की गई महिला ने घर के बाथरूम में बच्चे को दिया जन्म,102 से जिला अस्पताल भेजना छोड़ भेज दिया घर

बेहतर चिकित्सा के दावों की खुली पोल सी एच सी पोड़ी उपरोड़ा में लापरवाह डॉक्टर और नर्स की वजह से महिला की जान जाते जाते बची

खंड चिकित्सा अधिकारी कार्रवाई करना छोड़, जुटे लीपापोती कर डॉक्टर और नर्स को बचाने में

पोड़ी उपरोड़ा :---बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है लेकिन अगर जिनके कंधों पर स्वास्थ्य सेवा की जवाबदारी है वो ही मुह मोड़ने लगे तो फिर स्वास्थ्य लाभ मिलने की बात कहना बेमानी ही लगता है ग्राम पचरा की रहने वाली एक महिला की जान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोड़ी उपरोड़ा के लापरवाही से जाते जाते बची जहां अस्पताल से उसे बिना बिना इलाज के घर भेज दिया जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया। वहीं इस मामले पर खंड चिकित्सा अधिकारी अब दुबारा ऐसा नहीं होगा कहते हुए लापरवाह स्वास्थ्य कर्मी को बचाने में लगे हुए है।

देश में हर साल गर्भावस्था के दौरान होने वाली दिक्कतों और बीमारियों की वजह से 56,000 से अधिक महिलाओं की मौत हो जाती है. गर्भवती महिलाओं और नवजातों की स्थिति में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने जननी सुरक्षा योजना जेएसवाई की शुरुआत की है। लेकिन कोरबा जिले के दूरस्थ ग्रामीण अंचल पोड़ी उपरोड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में यहां के नर्स एवं डॉक्टरों के द्वारा गर्भवती महिलाओं के जीवन से सीधे सीधे खिलवाड़ किया जा रहा है कहना गलत नहीं होगा ऐसे ही एक मामले में महिला और नवजात बच्चे की जान स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से जाते जाते बची।
सरिता धनुहार पति हीरालाल धनुहार ग्राम पंचायत पचरा निवासी को प्रसव पीड़ा होने पर मितानिन रेखा एक्का प्रसूता को लेकर पोड़ी उपरोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो वहां की नर्स स्टाफ ज्योति के द्वारा मरीज का उपचार तो किया नहीं गया उल्टे उसके साथ अभद्र व्यवहार अपमानजनक गाली गलौज किया गया और यह वहां के कागज रसीद दिखाओ कह कर समय बिताते रहे और मितानिन को भी तरह तरह की बातें बोलकर उसे भी मानसिक रूप से प्रताड़ित करते रहे।


6 घंटे रखने के बाद नर्स ने किया रिफर

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर है ही नहीं लगता है तभी तो यहां के गंभीर फैसले भी नर्स के द्वारा किया जाता है साथ ही किसे रिफर करना है किसका इलाज करना है और क्या इलाज करना है यह सब थान की नर्स ज्योति द्वारा ही किया जाता है जिसे गंभीरता से लेते हुए यहां अच्छे चिकित्सक की सख्त जरूरत है आपको बता दें कि जब सरिता धनुहार को प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोड़ी उपरोड़ा पहुंची मितानीन रेखा एक्का को हर बात में मरीज को रेफर कर देने की बात ज्योति नर्स ने कहा आखिर लगभग 6 घंटे बाद रिफर कागज बनाकर रिफर कर दिया जबकि सामान्य स्थिति में मरीज रहता है उसे किसी प्रकार की खतरा नहीं रहता तो 12 घंटे के बाद रिफर किया जाता है लेकिन यहां अपने मनमानी करते हुए 6 घंटे में रिफर कागज बनाया और रिफर कर दिया।

यहां दुबारा मत आना कहा और चलता कर दिया

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोड़ी उपरोड़ा में अव्यवस्था का आलम यह है कि यहां की नर्स ज्योति द्वारा प्रसूता सरिता धनुहार की डिलवरी कराए बिना सामान्य स्थिति के बावजूद उसे रिफर का कागज थमा दिया गया वहीं उसके पति को धमकाते हुए कहा गया कि दोबारा यहां मत लाना भले इसकी जान क्यों ना चली जाए। नर्स के द्वारा सामुदायिक केंद्र से भगाए जाने के बाद हीरालाल धनुहार प्रसव पीड़ा से तड़फती अपनी पत्नी को लेकर मोटरसाइकिल से जैसे तैसे अपने घर लेकर आ गया।

बाथरूम में स्वस्थ बच्चे को दिया जन्म

बेइज्जत और दुर्व्यवहार कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से भगाए जाने के प्रसूता को लेकर उसका पति घर आ गया वहीं महिला जब रात में बाथरूम गई तो वहां उसके शिशु को जन्म दिया जिसके बाद मितानिन रेखा एक्का द्वारा बच्चे की नाल को काटकर उसे साफ सफाई करके बच्चे की स्वास्थ्य ठीक ना होने की वजह से उसे उप स्वास्थ्य केंद्र पचरा लाया गया वहां से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जटगा वहां जांच के उपरांत बच्चे का स्वास्थ्य ठीक ना होना और गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे फिर पोड़ी उपरोड़ा भेजा गया जहां उसकी स्थिति सामान्य है।

अब दुबारा ऐसा नहीं होगा

उपरोक्त मामले को लेकर जब खंड चिकित्सा अधिकारी से इस संदर्भ में बात की गई तब उन्होंने कहा कि डॉक्टर और नर्स को मेरे द्वारा फटकार लगाई गई है अब ऐसी हरकत और ऐसी घटना की पुनरावृत्ति दुबारा नहीं होगी लेकिन जब उनसे कहा गया कि अगर इस लापरवाही में महिला या उसके गर्भ के बच्चे की यदि जान चली जाती तो क्या होता इस सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली।