जानिए कैसे डूबी समाजवादी छात्रसभा अध्यक्ष प्रत्याशी की लुटिया?

वाराणसी:-वाराणसी के हरिश्चन्द्र महाविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव आते ही वाराणसी के बाहर पूरे पूर्वांचल में भी यहाँँ के परिणामो पर नजर टिक जाती है क्योंकि यहाँ कि राजनीति पूरे पूर्वान्चल में एक अलग ही पहचान को समेटे है। मैदागिन स्थित कॉलेज का परिसर भले ही छोटा है पर यहाँ की छात्र राजनीति पूरे पूर्वान्चल के सभी महाविद्यालयो के छात्र राजनीति से थोड़ा हटकर है। इन्ही कारणों से पूर्वान्चल के सभी सियासी राजनीतिज्ञों की निगाहें यहाँ के परिणामो पर टिक जाती है।कुछ ऐसा ही छात्रसंघ चुनाव 2021 में देखने को मिला। सूत्रों के अनुसार नामांकन के पूर्व पैनल बनने और टिकट मिलने से पहले, जहाँ समाजवादी छात्रसभा का एक गोल अध्यक्ष पद पर नवनिर्वाचित हर्षिता गुप्ता का प्रचार प्रसार कर समाजवादी छात्रसभा से लड़ाने की फिराक में था तो वही समाजवादी छात्रसभा की दूसरी गोल अपने अध्यक्ष पद पर आयुष्मान यादव को टिकट दिलाने में प्रयासरत थे। प्रबल दावेदार नवनिर्वाचित अध्यक्ष हर्षिता गुप्ता को टिकट न देकर समाजवादी छात्रसभा का टिकट एक नए प्रत्यासी को देना पड़ा भारी। टिकट और पैनल घोसित होते ही समाजवादी छात्रसभा के लोग दो गोल में बंट गए, एक गोल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नवनिर्वाचित अध्यक्ष हर्षिता गुप्ता तो दूसरी गोल समाजवादी छात्र सभा से अध्यक्ष पद पर आयुष्मान यादव का प्रचार प्रसार करने में लग गया।

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जिसका सीधा परिणाम रहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अध्यक्ष पद पर 264 मतों के बढ़त से हर्षिता गुप्ता निवार्चित हुई। आपसी वर्चस्व की लड़ाई में गवाई अपने ही समाजवादी छात्रसभा अध्यक्ष की सीट।