परिवहन संविदा कर्मियों नें दी आन्दोलन की चेतावनी

संविदा कर्मचारियों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न व 50% लोड फैक्टर की बाध्यता समाप्त न किए जाने पर आंदोलन की नोटिस

लखनऊ,उत्तर प्रदेश परिवहन संविदा कर्मचारी संघ संबद्ध भारतीय मजदूर संघ एवं भारतीय परिवहन मजदूर महासंघ द्वारा लगातार सरकार एवं निगम प्रबंधन का ध्यान आकर्षण किया जा रहा, परंतु खेद का विषय है कि कर्मचारी समस्याओं की लगातार अनदेखी की जा रही है।जैसा कि आप अवगत हैं कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में कार्यरत संविदा एवं आउट सोर्स कर्मचारियों ने अपनी सुख सुविधा का परित्याग कर, कई कई दिन भूखे रहकर, अपनी जान की परवाह ना करते हुए,सरकार के संकल्प को पूरा किया।परंतु कुछ समय से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि निगम प्रबंधन के अधिकारी सरकार को गुमराह करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं, जबकि माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा खुले मंच से और सदन में भी कार्यरत चालकों परिचालकों को संकट का साथी कहकर उनका सम्मान बढ़ाया।

यह भी अवगत कराया गया है की कोविड-19 के पूर्व जो वेतन निगम के संविदा कर्मचारी पा रहे थे वर्तमान में उसका आधा ही उनको दिया जा रहा है।जिससे उन कर्मचारियों में वह उनके परिवारी जनों में कुंठा वह हताशा हो रही है। परिवहन निगम के अधिकारी सरकार की छवि धूमिल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
उपरोक्त को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश परिवहन संविदा कर्मचारी संघ की प्रदेश कार्यसमिति आप से यह अपेक्षा करती है की 15 मार्च से पूर्व संविदा कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लेकर निस्तारित कराने की कृपा करें।जिससे किसी प्रकार की औद्योगिक अशांति उत्पन्न ना हो सके।
प्रदेश के कार्यसमिति ने यह भी निर्णय लिया है कि यदि 15 मार्च से पूर्व संविदा कर्मचारियों की न्यायोचित उपरोक्त मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो संघ किसी भी समय से कर्मचारियों के असंतोष को दृष्टिगत रखते हुए आंदोलन प्रारंभ करने के लिए बाध्य हो जाएगा, जिसमें धरना प्रदर्शन, कार्य बहिष्कार व चक्का जाम आदि सम्मिलित है। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी निगम प्रबंधन वह सरकार की होगी।