चकिया -खबर का हुआ असर,ती दिन बाद मुकदमा हुआ दर्ज,जाच हुई शुरू 

खबर का हुआ असर,ती दिन बाद मुकदमा हुआ दर्ज,जाच हुई शुरू�

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय�

मिर्जापुर /चकिया- कोतवाली अंतर्गत कौड़िहार गांव निवासी उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में तैनात हेड कांस्टेबल शशिकांत सिंह की हत्या के मामले में सिटी अपडेट न्यूज में खबर प्रसारित होने के बाद प्रशासनिक अमला में खलबली मच गई। खबर वायरल होते ही समाजवादी पार्टी के नेताओं तथा वनांचल के लोगों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जोश भर आया। अंततः भारी दबाव के बाद मिर्जापुर जिले के जमालपुर थाना की पुलिस को एक नामजद आरोपी के विरुद्ध धारा 302, 211 के तहत मुकदमा पंजीकृत करना पड़ा।

बता दें कि शशिकांत सिंह जौनपुर जिले के सराय ख्वाजा थाना में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात रहे। बीते 27 नवंबर को छुट्टी लेकर घर पर आने के बाद 28 नवंबर को उनकी हत्या कर दी गई थी। उनका शव जमालपुर थाना क्षेत्र के दुलहियादाई मंदिर के पीछे पहाड़ी पर बरामद हुआ था। वही उनकी होण्डा स्वीस कार शेरवां गांव के इंडियन बैंक के पास से बरामद हुई थी। हत्या के मामले में मृतक के बड़े भाई विजय कांत यादव ने एक आरोपित के विरुद्ध हत्या का मुकदमा पंजीकृत किए जाने का लिखित तहरीर बीते 29 सितंबर को जमालपुर थाना में दिया था।

घटना के 5 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस एफ आई आर दर्ज करने में टालमटोल करती रही। मामला जब सिटी अपडेट न्यूज़तक पहुंचा तो 3 दिसंबर को सिटी अपडेट न्यूज़ में दो जिलों थानों के चक्कर में दर्ज नहीं हो रही f.i.r. कैसे होगा हेड कांस्टेबल शशिकांत सिंह की हत्या का खुलासा नामक शीर्षक से खबर प्रसारित हुआ। खबर वायरल होते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गयी और चंदौली के नवागत पुलिस अधीक्षक अमित कुमार मिर्जापुर जिले के एसपी से मोबाइल फोन द्वारा संपर्क कर मामले में वार्तालाप करनी शुरू कर दी।

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बावजूद सुबह तक प्राथमिकी दर्ज न होने पर वनांचल के सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर, डा0 रामअधार जोसेफ, अश्विनी सोनकर, रजवंत फौजी, चंद्रशेखर यादव, नफीस खान, मृत्युंजय पांडेय, दीनदयाल यादव आदि नेताओं के साथ जमालपुर थाने पर पहुंच गए, और एफ आई आर दर्ज करने का दबाव बनाने लगे। बावजूद थानाध्यक्ष विजय सरोज द्वारा एफ आई आर दर्ज करने में टालमटोल करने पर सपा नेताओं तथा ग्रामीणों ने थाना परिसर में नारेबाजी करनी शुरू कर दी, और धरना पर बैठ गये।

�अब देखना है कि पुलिस हत्या के मामले का खुलासा किस कदर कर पाती है। जिससे लोगों को न्याय पर भरोसा बना रहे।