शासकीय राशि गबन मामले में दो रोजगार सहायकों की सेवा समाप्त

  • ✒️...कमलेश यादव

शिकायत के बाद संज्ञान लिया कलेक्टर ने सीईओ को दिए थे कार्यवाही के निर्देश

उमरिया। जिले के ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायकों को वित्तीय प्रभार मिलने के बाद किस तरह शासकीय राशि का गबन किया जाता है इसका जीवांत उदाहरण बरबसपुर की ग्राम पंचायत से प्रकाश में आया है जहां कोडार पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक को बरबसपुर का वित्तीय प्रभार सौंपा गया तो उसने फर्जी मस्टर रोल भरकर शासकीय पैसे का आहरण कर लिया जिसकी शिकायत जनपद से लेकर जिला तक के अधिकारियो को की गई है, लेकिन कार्यवाही में हिलाहवाली होते देख शिकायतकर्ता रविकांत गौतम ने साक्ष्य सहित दस्तावेज जिला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को दिए जिसके बाद कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच कर कार्यवाही के निर्देश जिला पंचायत सीईओ को दिए जिसके बाद रोजगार सहायकों के अनियमितता पर सेवा समाप्ति कर दी गई।

यह है मामला :

दरअसल ग्राम पंचायत कोडार के रोजगार सहायक राकेश यादव को बरबसपुर पंचायत का वित्तीय प्रभार सौंपा गया था जिसके बाद बरबसपुर पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक संतोष रैदास और प्रभारी सचिव राकेश यादव ने सांठ गांठ कर गुलाब सिंह रघुवंशी के पीएम आवास के नाम पर फर्जी मस्टर रोल (क्रमांक 775) भरकर राजेन्द्र सिंह और श्रीमती मीता सिंह के नाम से रोजगार सहायक संतोष रैदास ने 4320 रुपये आहरण कर लिया बाद में उसी हितग्राही गुलाब सिंह रघुवंशी (पीएम आईडी 3639257) के नाम पर मस्टर रोल क्रमांक 47435 में श्रीमती शकुंतला व सुभाष सिंह के नाम से पुनः 1914 रुपए राकेश यादव द्वारा आहरण कर लिया गया।

सूची में नहीं स्वीकृति :

पंचायत के दो करिंदों द्वारा जिस व्यक्ति गुलाब सिंह (आईडी 3639257) के नाम पर पीएम आवास दिखाकर मस्टररोल भरकर शासकीय पैसे का आहरण किया गया है लेकिन गुलाब सिंह का नाम सूची में होते हुए पीएम आवास के लिये अस्वीकृति दर्शाया गया है, अलबत्ता पंचायत के करिंदों द्वारा आवास की आईडी दिखाकर फर्जी मस्टर भरते हुए मजदूरी भुगतान का आहरण कर शासकीय पैसे का गबन किया गया। जिसके बाद शिकायतकर्ता रविकांत गौतम ने साक्ष्य सहित शिकायत जिला कलेक्टर से करते हुए कार्यवाही की मांग की।

कलेक्टर के निर्देशन में हुई कार्यवाही :

शिकायतकर्ता श्री गौतम ने जनपद से लेकर जिला तक मे आवेदनों के ढेर लगा दिए लेकिन पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी मामले को दबाने के लिए पहले तो भरसक प्रयास में लगे रहे जब शिकायतकर्ता ने रोजगार सहायक संतोष रैदास और राकेश यादव की जिला कलेक्टर से शिकायत की तो मामले को संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने जांच पंचायत के अधिकारियों से न कराते हुए महिला बाल विकास अधिकारी मनमोहन सिंह कुशराम से कराया आरोप सिद्ध होने के बाद सीईओ को निर्देशित किया कि इनकी सेवा समाप्त की जाए जिसके बाद रोजगार सहायक राकेश यादव और संतोष रैदास की सेवा समाप्त कर दी गई।