कागजों में दब गई घोघरी जलाशय की जॉच..!

उमरिया। जिले के करकेली विकासखण्ड के ग्राम निगहरी के निकट सिंचाई विभाग द्वारा बनाये गये घोघरी जलाशय की जॉच अधिकारियों के भाई चारे के कारण कागजों में दम तोडती नजर आ रही है घोघरी जलाशय का निर्माण वर्ष 2014 में लगभग 20 करोड रूपये की लागत से सिंचाई विभाग द्वारा शुरू कराया गया था, जो कि वर्ष 2019 में बन कर पूरा हुआ था। बॉध के निर्माण कार्य की गुणवत्ता का पता इस बात से ही लगाया जा सकता है कि निर्माण पूरा होने के 2 वर्ष बाद ही वर्ष 2019 की बरसात में बॉध का स्पिल चैनल बह गया। शिकायतकर्ता ने कमिश्नर शहडोल को दिये शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि घोघरी जलाशय योजना में बांध के स्पिल में हुए भ्रष्टाचार के कारण वर्टिकल फाल बह गया है जिससे शासन को एक करोड रूपये की आर्थिक क्षति हुई है विदित हो बॉध का ठेका सिचाई विभाग उमरिया के एक प्रभावशाली उपयंत्री के करीबी रिश्तेदार के द्वारा लिया गया था।

नहीं लगे कहीं बोर्ड:

बांध निर्माण कार्य के प्रभारी उपयंत्री आर.एन.श्रीवास्तव तथा तत्कालीन कार्यपालन यंत्री आर.एन.द्विवेदी का वरदहस्त प्राप्त ठेकेदार ने गुणवत्ता हीनता की पराकाष्ठा पार कर बॉध निर्माण कार्य किया। बॉध की पिचिंग व सोल्डरिंग हेतु पत्थर क्रय नही किये गये बल्कि पास के जंगल व पहाडो से लाये गये। जिसके लिए न तो वन विभाग की अनुमति ली गई और नही खनिज विभाग को रॉयल्टी चुकाई गई है। सुनियोजित तरीके से किये गये इस भ्रष्टाचार का प्रमाण यह है कि निगहरी से शहपुरा मुख्य मार्ग में कही भी बॉध पहुच मार्ग का बोर्ड नही लगाया गया है और न ही बॉध पहंुच मार्ग का निर्माण किया गया है। बॉध निर्माण स्थल पर भी सिचाई विभाग द्वारा कोई बोर्ड नही लगया गया है जिससे बॉध की लागत, उपयंत्री, ठेकेदार, आदि के बारे में पता लग सकें, जबकि नियमानुसार बोर्ड लगाया जाना आवश्यक है।

जेब भरने में दिखाई दिलचस्पी:

नियमानुसार बॉध के ओव्हरफ्लो का पानी स्पिल चैनल से होकर सीधे किसी नदी या नाले में गिरना चाहिए। किन्तु सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अपनी जेब भरने की इतनी जल्दी थी कि त्रुटिपूर्ण ड्रांइग व सर्वे पर विचार किए बिना बांध का निर्माण कर दिया। वर्तमान में बांध के ओव्हर फ्लो का पानी बॉध की दीवार के सामने से बहता हुआ करीब 2 किमी आगे जाकर नदी में मिलता है जिससे दीवार के कटने तथा बॉध के कभी भी नेस्तनाबूद होने का खतरा बना हुआ है बॉध के सामने से बहते हुए ओव्हर फ्लो के पानी में नहर क्रमांक 2 को भी बहा दिया है त्रुटिपूर्ण सर्वे के कारण नहरे निचले स्थान से ऊचाई वाले स्थानो की ओर जाती है जिससे पर्याप्त पानी खेतों तक नही पहंुच पाता है एक स्थान से बॉध से पानी का रिसाव भी हो रहा है। शिकायत कर्ता का आरोप है कि आर.एन.द्विवेदी ने 20 लाख रूपये ले कर ठेकेदार से वसूली की कार्यवाही रोक दी है।

ईई ने बनाई अकूत संपत्ती:

शिकायतकर्ता ने कमिश्नर को दिये पत्र में आरोप लगाया है कि तत्कालीन कार्यपालन यंत्री आर.एन.द्विवेदी ने योजना में करोडो रूपये का भ्रष्टाचार किया है जिसमे उपयंत्री आर.एन.श्रीवास्तव की भुमिका भी संदिग्ध है शिकायतकर्ता ने आर.एन.द्विवेदी की संपत्ति का ब्योरा देते हुए बताया है कि इनके द्वारा 10 हजार वर्ग फुट का मकान सेन्ट्रल एकेडमी स्कूल शहडोल के सामने बनया गया है जिसकी लागत 3 करोड रूपये है इसके अलावा कुशाभाऊठाकरे परिषर शहडोल में 80 लाख रूपये की राशि से व्यवसायिक क्लीनिक अपने पुत्र व पुत्रवधु के नाम से क्रय किया गया है। शहडोल इंजीनियरिंग कालेज के सामने 10 एकड की भूमि में फार्म हाउस का निर्माण किया गया है, जिसमें विलासिता के सभी सामान उपलब्ध है। फार्म हाउस की लागत 4 करोड रूपये है स्वास्तिक कालोनी शहडोल में 2 फ्लैट तथा चार दुकान अपने परिवार के सदस्यो के नाम बेनामी रूप से क्रय की गई है जिसका बाजार मूल्य 1 करोड 40 लाख रूपये है रीवा शहर में साधू श्री गार्डन के पीछे 20 हजार वर्ग फुट व्यवसायिक प्लाट है जिसका बाजार मूल्य 3 करोड रूपये है सीधी शहर में भतीजे के नाम पर पेट्रोल पंप एवं जमीन में निवेश किया गया है जिसका बाजार मूल्य 4 करोड रूपये है सिंगरौली शहर में पुत्र व पुत्रवधु के नाम 10 हजार वर्ग फुट की व्यवसायिक जमीन क्रय की गई है जिसका बाजार मूल्य 5 करोड रूपये है इसके अलावा आर.एन.द्विवेदी के पास 2 लग्जरी कार,1 स्र्कापियों गाडी तथा 4 ट्रक भी है। सम्पत्ति का उक्त विवरण आर.एन.द्विवेदी के कार्यकाल में बनाये गये घोघरी जलाशय और अन्य योजनाओ में हुए भ्रष्टाचार को आइना दिखाता है।

इंजीनियरों के भाईचारे की भेंट चढ रही जांच:

कमिश्नर संभाग शहडोल ने अपने कार्यालयीन पत्र क्रमांक 98-20/विकास-6/शिकायत (शहडोल)/20/4022 दिनांक 5/8/2020 के द्वारा कलेक्टर जिला उमरिया को घोघरी जलाशय निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जॉच करने हेतु निर्देशित किया था जिसके परिपालन में अपर कलेक्टर जिला उमरिया ने अपने कार्यालयीन पत्र क्रमांक/3008/शिकायत/कमि.समक्ष/2020 उमरिया दिनांक27/08/2020 के द्वारा दो सदस्यीय जॉच दल गठित किया जिससे आर.पी.धुर्वे कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग उमरिया तथा अशोक कुमार कोरी कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) को जॉच अधिकारी नियुक्त किया था, लेकिन घोघरी जलाशय की जॉच इंजीनियरों के भाईचारे की भेंट चढती नजर आ रही है तीन महीने बीतने के बाद भी जॉच पत्राचार तक सिमटी हुई है सिंचाई विभाग द्वारा आज तक जॉच दल को रिकार्ड उपलब्ध नही कराये गये है कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से जन अपेक्षा है कि जॉच दल को जॉच में तीव्रता लाने हेतु निर्देशित करे ताकि घोघरी जलाशय निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार से पर्दा उठ सकें।