जिलाधिकारी के निर्देश पर 107 अपात्रों का नगर पंचायत में ढहाया जाएगा मकान,सरकारी भूमि पर किया गया है अवैध निर्माण 

जिलाधिकारी के निर्देश पर 107 अपात्रों का नगर पंचायत में ढहाया जाएगा मकान,सरकारी भूमि पर किया गया है अवैध निर्माण

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया- दरसल डूडाके तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए लोगों के द्वारा आवास के चयनित करते समय डूडा कर्मचारियों व लेखपालों के द्वारा जमकर जेब गर्म की गई। जेब गर्म होने के बाद उल्टे सीधे जांच कर आवास निर्माण के लिए लाभार्थियों के पक्ष में मुहर लग गई । डूडा कर्मचारी व लेखपालों के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ उस वक्त होता नजर आया जब तहसीलदार के द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र में जांच कर कुल 10 up7 लोगों को सरकारी जमीन पर आवास का निर्माण कार्य किए जाने से नोटिस जारी हुई। तहसीलदार के द्वारा जारी किया नोटिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि डूडा कर्मचारी व लेखपाल के जेब प्रधानमंत्री आवास योजना में जमकर गर्म हुए हैं।

आपको बता दें कि कुछ दिनों पूर्व चकिया तहसील परिसर में लगाए गए जिला स्तरीय तहसील दिवस में नगर पंचायत चकिया वार्ड नंबर 10 निवासी अधिवक्ता उदय भट्ट द्वारा जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल से मौखिक रूप से यह शिकायत की गई थी कि नगर में बड़ी संख्या में लोगों ने सरकारी भूमि पर प्रधानमंत्री आवास योजना का निर्माण कराया है। जिसपर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी को जांच का निर्देश दिया।

उपजिलाधिकारी के निर्देश पर लेखपालों द्वारा किये गये जांच में नगर के 107 परिवारों का आवास सरकारी भूमि पर पाया गया। जिन्हें तहसीलदार फूलचंद यादव द्वारा नोटिस देते हुए एक सप्ताह का समय दिया गया है। अगर इन एक सप्ताह में ये मकान खाली नहीं करते तो प्रशासन को साथ लेकर इनके आवास को ढहा दिया जायेगा।

लेकिन आपको बता दें कि इस समय सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस लेखपाल द्वारा इन लोगों को जांच पड़ताल के बाद प्रधानमंत्री आवास के लिए पात्र ठहराया गया, अब वहीं लेखपाल एक बार फिर उन्हें किस आधार पर अपात्र ठहरा सकता है। बता दें कि आदर्श नगर पंचायत चकिया द्वारा भेजी गई नोटिस प्राप्त कई लोगों ने दबी जुबान यह कबूल किया कि आवास प्राप्त करने के लिए लेखपाल व डूडा कर्मी ने उनसे सुविधा शुल्क की डिमांड की। जिसे देने के बाद उन्हें आवास हेतु पात्र ठहराया गया।

*डूडा कर्मी, लेखपाल व नगर पंचायत कर्मी के मिलीभगत का नतीजा*
आज अगर आवास निर्माण के बाद उसे ढहाने की नौबत आई है तो इसमें सबसे बड़ा दोषी वह तीन सदस्यीय समिति है, जिन्होंने डोर टू डोर जांच के बाद आवास पास किया था। आपको बता दें कि नगर में अपात्रों को आवास योजना का लाभ दिये जाने की सूचना के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। जिसमें लेखपाल, डूडा कर्मी के साथ एक नगर पंचायत कर्मी भी शामिल रहा। जब उस समय पूरी तरह से जांच के बाद आवास पास किया गया तो आज किस आधार पर उन्हें अपात्र ठहराया जा रहा है।

*उपजिलाधिकारी से करेंगे न्याय की गुहार*
पीड़ित नागेन्द्र, राजेश्वर, महेशा, सीमा देवी, सत्यनारायण, रीता, सुदामा, रामजतन, रामसरन, अनीता, चंचला रजनी, नीरंगी, अंजली, आजाद, उषा, मुलायम, खेदाक, मुन्नी, लक्ष्मीना, कमली, सोनी, रूबी ने सोमवार को हाथ में नोटिस लेकर तहसील में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि तहसीलदार की नोटिस उन्हें बीते 25 सितंबर को प्राप्त हुई। लेकिन उस दिन नगर पंचायत चेयरमैन की आकस्मिक मौत से सब लोग आहत थे। इसलिए किसी ने भी इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। बताया कि वें सभी मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में उपजिलाधिकारी के समक्ष अपनी समस्या रखेंगे।

*इन जगहों के लोगों को ठहराया गया अपात्र*
आदर्श नगर पंचायत चकिया में जिन लोगों को सरकारी भूमि पर आवास बनवाने पर नोटिस प्राप्त हुआ है। उनमें पहाड़ भूमि, चन्द्रावती नाला भूमि, श्रेणी 4 की सरकारी भूमि, नवीन परती, सरकारी बाग भूमि, लाठ भूमि, बंजर भूमि, नगर पंचायत की सीमा के बाहर व गढ़ही में आवास निर्माण कराने वाले शामिल है।