मान्यता प्राप्त पत्रकार के आत्मदाह की चेतावनी से मचा हड़कंप।

मऊ - जनपद के पत्रकारों तथा जनता में हड़कंप उस समय मच गया, जब जनपद के वरिष्ठ पत्रकार ऋषिकेश पाण्डेय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त ने दो अक्टूबर को विधानसभा के सामने आत्मदाह की चेतावनी दे दी। आप सभी को बताते चले कि यह वही पत्रकार हैं जिन्होंने अकेले फर्जी पासपोर्ट की खबरों के फॉलोअप को लेकर चर्चा में रहे। आईये देखते हैं कि उनके द्वारा लिखे पत्र में क्या लिखा है --

माननीय प्रधानमंत्री जी,
भारत सरकार, नई दिल्ली।
द्वारा,
माननीय मुख्यमंत्री जी,
उत्तर प्रदेश,लखनऊ।
विषय: 2अक्टूबर 2020 को विधानसभा लखनऊ के सामने आत्मदाह के सम्बन्ध में।
महोदय,
प्रार्थी ऋषिकेश पाण्डेय पुत्र स्व.अवधनाथ पाण्डेय, जनपद मऊ मुख्यालय पर "आज" हिन्दी दैनिक का मान्यता प्राप्त पत्रकार है एवं गाजीपुर जनपद के ग्राम देवां(पाण्डेयपुरा), थाना दुल्लहपुर का निवासी है।प्रार्थी ने फर्जी पासपोर्ट के पर्दाफाश मामले में कोपागंज थाने में दर्ज मुअसं 396/19का लगातार फालोअप "आज"समाचार पत्र में प्रकाशित किया। जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों को तत्कालीन एसपी अनुराग आर्य द्वारा बचाने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए कतिपय लोगों को "बलि का बकरा" बनाने सम्बंधी खबरों से नाराज होकर मेरी हत्या का प्रयास भी कराया गया। जिसके विरोध में एसपी आफिस मऊ का घेराव किया गया। मामले की सीबीआई /सीबीसीआईडी जांच के लिए मुद्दा विधान परिषद लखनऊ में भी उठा। मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री, महामहिम राष्ट्रपति तक से गुहार लगायी मगर आठ माह बाद भी न फर्जी पासपोर्ट का एक भी लाभार्थी पकड़ा गया, ना ही कोई जिम्मेदार अधिकारी का ही नाम विवेचना में सामने आया। न मामले की उच्चस्तरीय जांच ही करायी गयी। दोषी अधिकारियों द्वारा मुझ प्रार्थी की हत्या की साजिश लगातार जारी है। जिससे भ्रष्टाचार उजागर करने वाले मुझ पत्रकार को आठ माह से अपराधियों की भांति लुक-छिपकर जिन्दगी बितानी पङ रही है।
कृपया उपरोक्त प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराने और जांच पूरी होने तक मुझ पत्रकार को समुचित सुरक्षा प्रदान की जाय। अन्यथा 2 अक्टूबर 2020 को विधानसभा लखनऊ के सामने आत्मदाह करने के लिए विवश होऊंगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन - प्रशासन की होगी।
अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री द्वारा पत्रकार की इस आवाज को कब सुनते हुए फर्जी पासपोर्ट मामले में दोषी अधिकारियों को दण्डित करते हैं।