झंडा पंचायत नरवर में हुआ भ्रष्टाचार, डबल रुपये निकालकर शाशन को लगाया केई लाख रुपयो का चूना।

-ग्राम पंचायत झंडा चढ़ा भ्र्ष्टाचार की भेंट,विना कार्य के निकाले केई लाख रुपये।

नरवर-शिवपुरी
सम्पूर्ण भारत बर्ष में कोरोना का कहर फैला हुआ है, और कोरोना फैले न इस को लेकर प्रशासन ने लोकडाउन लगाया है, इसी लोकडाउन में ग्राम पंचायत झंडा जनपद नरवर में सरपंच, सचिवो ने लोकडाउन का फायदा उठाकर सरकार को कई लाख रुपयो से चूना लगा दिया है।
यह रहा पूरा मामला:- जब ग्रामीणों की ज्यादा शिकायतों पर मीडिया ग्राम पंचायत झंडा जनपद नरवर पहुची, जांच-पड़ताल की तब मालूम चला कि वाक़ई में बहुत भ्र्ष्टाचार हुआ है।
यह रहा भ्र्ष्टाचार- ग्राम पंचायत झंडा में पंचायत भवन से PWD सड़क तक कोई cc नही डली हुई है, जिसका रुपये 27 जनवरी 2019 को निकाल कर खा गए।
दूसरा मामला हाल ही का है जिसको मात्र 2 महीने ही हुए हैं, रोशनलाल पाल के घर से PM सड़क तक,जबकि रोशनलाल पाल का मकान वहां पर है ही नही जहां पर cc डाली गई है,न उसके घर कोई cc डली है फिर बीच मे रुपये कहा गया,जिसका पेमेंट 26 जून 2020 को हो चुका है।
सबसे बड़ा घोटाला:-
ग्राम पंचायत झंडा में 26 जून 2020 को एक ही cc पर डबल रुपये निकाल कर सरपंच, सचिव खा गए,कहावत सही है "एक कार्य पर डबल मुनाफा" बात कुछ अलग है जब पहले ही cc डली थी तो दूसरी cc कहा है?
जब हरिजन बस्ती में आरसीसी पहले से डली थी तो रोशनलाल जाटव के घर से pm सड़क तक,मतलब एक ही जगह कैसे गिर गई,नाम अलग लिखकर एक ही आरसीसी पर कई लाख रुपयो का घोटाला ग्राम पंचायत झंडा में सरपंचो ने अपनी दबंगाई दिखाकर किया है, इसकी जांच उच्च स्तरीय समिति या अधिकारियों द्वारा कराई जाएगी तभी दूध का दूध और पानी का पानी नजर आएगा।

विना रिश्वत के नही बनते शौचालय:- ग्राम झंडा के ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच, सचिव को जबतक रिश्वत नही देते तब तक पंचायत के ग्रामीणों का कोई भी कार्य नही होता है, हर गरीब से शौचालय के नाम पर 2000 रुपये की रिश्वत मांगी जाती है, जब किसान रिश्वत नही देते तब उनके कार्य को रोक दिया जाता है, केई मजदूरों के मजदूरी के रुपये सरपंच सचिव ने नही दिए। गरीबो को मनरेगा में काम करने का मौका नही दिया जाता है। अपने मनचाही लोगो के एकाउंट नम्बर लगाकर,मशीनों द्वारा कार्य कराकर सरकार के रुपयो को खा जाते हैं।

कंट्रोल संचालक से परेशान:-
ग्राम पंचायत झंडा होने के बाबजूद व जनसंख्या ज्यादा होने पर भी निवाड़ी ग्राम में वटता है राशन,नही आते पंचायत में बाँटने को खाधान्न। जब गरीब लोग झंडा पंचायत से दूसरे ग्राम में खाधान्न लेने जाते हैं तब उनको गुमराह कर भगा दिया जाता है जब गरीब लोग सवाल-जबाव करते हैं तो उनको कन्ट्रोल संचालक गाली-गलौच करके वहाँ से भगा देता है। कुछ लोगो को तो इस लोकडाउन मे 3 माह में से 1 ही माह का दिया है राशन।