कोरिया जिले के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से जिले मे बढ़ सकते है कोरोना के मरीज

कोरिया 21 मई। जिले मे लगातार दुसरे राज्यों व जिलों से गोपनिय तरीके से लोग कोरिया जिले के तहसीलों मे आ रहे है। जिसकी जानकारी कुछ शासकिय विभाग के अधिकारी व आम जन कलेक्टर कोरिया को दे रहे है। लेकिन जानकारी मिलनें के बाद भी कलेक्टर कोरिया नें बाहर से आए लोगों के लिए कोई भी मेडिकल टीम नहीं भेजी है। जो जिले के लिए बुरी खबर कोरोना मरीजो के सांथ आ सकती है। कई बार सही नाम पता निवास देनें के बाद भी कलेक्टर कोरिया के द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई, जिसके बाद पुलिस महानिरिक्षक सरगुजा को जानकारी देनें के बाद बाहर से जिले मे आए लोगों को कोरनटाईन किया गया था। किन्तु अभी भी कई लोग जो प्रभाव साली व सत्ता शासन पक्ष के जिला अध्यक्ष है, जो लगातार सत्ता के दमपर अधिकारियों के उपर दबाव बना कर जो बाहर से आए है, जिला अध्यक्ष के किराया के रूम जो पेट्रोल पंप के बगल में है वहां 01 पुरुष, 02 महिला, 02 बच्चे कुल 05 कहीं से आकर बिते मंगलवार को शिप्ट हुए हैं। आनें वाले लोग अपना नाम और कहां से आए हैं नहीं बता रहे। सांथ ही सिकंदराबाद से बिलासपुर व बिलासपुर से बैकुंठपुर शमशेर अली नाम का व्यक्ति आया है और उसके सांथ 5 लोग और भी आए है किन्तु अब तक एक दिन बीत जानेंं के बाद भी उन्हे कोरन्टाईन नहीं किया गया है, जो जिला मुख्यालय के लिए खतरा हो सकता है। वहींं जिला मुख्यालय मे गरीब व मिडील क्लास के लोगों के लिए शासन प्रशासन के द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के सभी नियम कानुन की पुर्ति की जा रही है। किन्तु बडे व ओहदेदार लोगों के लिए किसी भी प्रकार से कोरोना वायरस से बचाव के नियमों का पालन नहीं कराया जा रहा है। कोरोना संक्रमण को लेकर बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की मेंडिकल जांच के बाद प्रशासन क्वारेंटाइन कर रहा है, परन्तु ओहदेदार यहां बिना स्वास्थ्य जांच के क्वारेंटाइन का बडा मामला सामने आया है। पद पर आशिन लोग अपने किरायदारों तक को घर मे पनाह देेेनें से नहीं चुक रहे। जिले के पांचों जनपद क्षेत्रों मे प्रतिदिन कई लोग आ रहे है लेेकिन उनका लेखा जोखा प्रशासन के पास नहींं है। जिले मे रोजाना ऐेसे दर्जनों लोग आ जा रहे है जिनकी जानकारी प्रशासन को नहीं है, क्योंकि अब किसी के आने जाने को लेकर होने वाली जांच ना के बराबर है, अब पहले लॉक डाउन जैसी सख्ती भी देखी नही जा रही है। जिनकी पहुंच है उन्हें कोई देखने तक नहीं जा रहा है। प्रशासन के द्वारा जब से कोरोना वायरस के कारण केन्द्र शासन ने लाक डाऊन किया है तब से अब तक कोरिया जिले मे प्रशासन के मुखिया के द्वारा सक्ति केवल मजदुर व आम जन के सांथ ही बरत रही है। जिसका नतिजा भी चिरमिरी को कोरोना का मरीज मिलनें से ही चुकि है। इसके बाद भी प्रशासन अपनी कुंभकर्मिय निंद से नहीं जागा है। जिले मेे जो बिना पहुंच वाले है उन्हें प्रशासन के सभी नियमोंं का पालन कराकर क्वारेंटाइन किया गया है।

क्वारेंटाइन किए लोगों को बढ रही परेसानी, प्रशासन बना कटपुतली

बैकुण्ठपुर कोरिया जिला व छत्तीसगढ़ राज्य मे दुसरे राज्य से आऐ युवक हरीष यादव व उसके सांथ चार लोगों को पहले सेंट जोसेफ स्कूल मे क्वारंटाईन 18 मई को किया गया था। हरीष अजमेर से बैकुण्ठपुर पहुंचनें के सांथ ही सिटी कोतवाली व जिला चिक्तिसालय जा कर जानकारी दी वहीं एक युवक बैंगलोर से आया लेकिन वह ओहदेदार घर का था, जिस पर किसी प्रकार का कोरोना वायरस से बचाओं के नियम को नहीं पालन कराया गया और उसे घर भेंज दिया गया। एवं हरीष यादव को सेंट जोसेफ स्कूल भेद दिया गया वहां 18 मई से 20 मई देर शाम तक रखा गया, किन्तु कलेक्टर कोरिया के आदेश के बाद सेंट जोसेफ स्कूल से चार युवकों को केन्द्रिय विद्यालय भेज दिया गया है। प्रशासन के मुखिया के द्वारा किये गए इस राजनैतिक दबाव से चारों युवकों मे रोश व्याप्त है। हरीष यादव नें बताया की सेंट जोसेफ स्कूल मे जहां हमे क्वारेंटाइन किया गया था वहां सीसी टिव्ही कैमरा लगा हुआ है। इतना ही नहीं सत्ता शासन के जिला अध्यक्ष के जानकारी मे लगभग 8 से 10 लोग दुसरे राज्य से बैकुण्ठपुर आए है किन्तु उन्हें क्वारेंटाइन नहीं किया गया है। प्रशासन के द्वारा आम जनता के सांथ भेदभाव किया जा रहा है। जो समझ से परे है।