आखिर क्यों भ्रष्टाचारियों का साथ दे रहे हैं जनप्रतिनिधि, जनप्रतिनिधियों के पति है भ्रष्टाचारियों के बचाव में ज्यादा सक्रिय

कोरिया 05 मई। जिले के समस्त जनपद क्षेत्रों व विधानसभाओं में जनप्रतिनिधि व जनप्रतिनिधियों के पति ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं। इनकी सक्रियता ज्यादातर भ्रष्टाचारियों का साथ देने में देखा जा रहा है। चार दीवारी के अंदर बैठकर किस तरह से भ्रष्टाचारियों का साथ देना है, व गरीब जनता को मिलने वाली सुविधाओं को अपनी सुविधाओं में बदलना है वह शासन के द्वारा सर्व सुविधा युक्त कमरों में बैठकर अंजाम दिया जा रहा हैं। एक ताजे मामले में भ्रष्टाचारियों का खुलकर सांथ देनें जनप्रतिनिधि के पति सामने आ रहे हैं। ज्ञात हो कि जिस तरीके से बैकुंठपुर क्षेत्र में भ्रष्टाचारियों का बोलबाला व बाढ़ आते देखा जा रहा है, उसे देखकर यह लग रहा है कि अब भ्रष्टाचारियों के आगोश में जल्द ही बैकुंठपुर के ग्रामीण क्षेत्रों की विकास थम सी जाएगी। सभी जनप्रतिनिधि भी भ्रष्टाचारियों का साथ देने से नहीं कतरा रहे हैं, वह अमूमन अखबार की सुर्खियां भी बन गए हैं। जिसके बाद भी उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि जो जनता उन्हें 5 वर्षों के लिए चुनी हैं वह उन्हें अर्श से फर्श में लाने से किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतेगी। अब तो जनता को यह भी सताने लगा है कि वह कितनी बड़ी गलती कर गई,हां इससे भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों को जरूर सुकून मिलेगा की चलो कम से कम जनता ने हमें 5 साल तक भ्रष्टाचार करने की अनुमति तो दे दी। जिले के अधिकारियों को लगातार अपने पद पावर शासन का ओहदा दिखाकर उन्हें अपनी मनमानी करने पर विवश कर दे रहे हैं। अधिकारी भी इस से हलकान हो चुके हैं। जिस प्रकार से अचानक मौसम में बदलाव हो रहा है व किसान तबके के लोग अपने पाई पाई जमा कर बनाए आशियांनो को उजड़ता देख रहे हैं। ठीक उसी प्रकार उन गरीबों के आंख से आंसू भी छलक रही है किंतु यह जनप्रतिनिधियों को दिखाई नहीं दे रहा है। उन्हें सिर्फ एक बात ही समझ में आ रही है कि केवल और केवल भ्रष्टाचार करना ही मुख्य उद्देश्य है। ग्रामीण स्तर से लेकर जिला स्तर तक के जनप्रतिनिधि शासन व सत्ता के दम पर प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी उंगलियों पर नचा रहे हैं। आधी रात में भी वह अपना काम करा ले रहे हैं। अधिकारी भी तबादले के डर से उनका काम कर रहे हैं। किंतु शासन व प्रशासन के बीच जनता बुरी तरह से पीस जा रही है। शासन सत्ता के लालच में आकर जनप्रतिनिधि अपने चमचों को भ्रष्टाचारी की कुएं में धकेल दिए हैं। जनप्रतिनिधि के चमचे खुलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। यहां तक कि वह अपने आप को ब्रह्मास्त्र तक कहने से नहीं चूक रहे हैं। कुछ तो आगे पीछे दुम हिला कर अपने आप को ही छत्तीसगढ़ का मुखिया कहने से भी नहीं चूक रहे हैं। बैकुंठपुर जिला मुख्यालय में ही एक ही कार्य को अपने सत्ता शासन के बलबूते दो से तीन बार कराया जा रहा है और एक से दूसरी बार राशि बढ़ाकर दोगुनी कर दी जा रही है। कुछ शहरवासियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इससे पहले बीते 15 वर्षों में कभी भी ऐसा नहीं हुआ था जो अब हो रहा है। अब देखना यह होगा कि जनप्रतिनिधि किस तरह से कार्य करते हैं और अपने चमचों को कितना भ्रष्टाचार के आगोश में समाते हैं।