2020! सदी का दुखद वर्ष

शुभम तिवारी(मंच उद्घोषक सह रंगकर्मी) की कलम से

हम सदी के सबसे बड़े वैश्विक महामारी के प्रत्यक्षदर्शी हैं। सम्पूर्ण लॉक-डाउन के द्वितीय चरण की अवधि लगभग समाप्त होने को है। परंतु बढ़ते हुए रेड जोन क्षेत्र और संक्रमितों की संख्या देखते हुए लाक डाउन की अवधि न बढ़ाये जाने की अपेक्षा रखना बेईमानी लगती है। केंद्र, राज्य, गैर-सरकारी संस्थाएं, सामाजिक संस्थाएं और जन प्रतिनिधियों के अथक व योजनाबद्ध प्रयासों के फलीभूत देश में भुखमरी के हालात पैदा नहीं हुए,जिसका डर सता रहा था। इसमें लोगों की परस्पर सहभागिता, संयम और धैर्य का भी योगदान रहा।

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बहरहाल, ऐसे विकट परिस्थिति में भारतीय फिल्म जगत के दो चमकते सितारों का अपनी किरणों को समेट कर सदा-सदा के लिए अस्त हो जाना अत्यंत दुखद अनुभूति सदृश है। इरफान खान व ऋषि कपूर नें अपने करिश्माई अभिनय से कई दशकों तक लोगों के दिलों पर राज किया। जहाँ एक तरफ इरफान खान अपने करियर की शुरुआत राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से की तथा बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपने प्रतिभा का परचम लहराया। आज भी उनकी फ़िल्में युवा छात्र अभिनेताओं के लिए एक शिक्षण संस्थान हैं। वहीं दूसरी ओर ऋषि कपूर 80 और 90 के दशक में सबसे बड़ी शोहरत हासिल करने वाले अभिनेता के रूप में शुमार हुए। अपने जीवन के अंतिम समय तक अपनी कला से लोगों का मनोरंजन करते रहे। ऐसे में इन दोनों महान शख्शियतों की अंतिम यात्रा एक भव्य शोभायात्रा जैसी होनी चाहिए थी। परंतु अफसोस! इस बात का खेद रहेगा। इस सप्ताह को फिल्म इंडस्ट्री के अतीत का सबसे बुरा सप्ताह कहा जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं।
सम्पूर्ण देश कोरोना की वजह से अपने इतिहास के सबसे वीभत्स दौर से जूझ रहा है। फिर भी हम जनमानस के सहयोग से विकसित देशों की तुलना में ज्यादा मजबूती से लड़ रहें हैं। लाक डाउन की अवधि बढ़ाये जाने की स्थिति में अब हमें पूर्व से अत्यधिक संयम व मजबूती से लड़ना होगा। क्योंकि देश कोरोना पर विजय प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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सरकार द्वारा संचालित ऐप "आरोग्य-सेतु" बहुत ही हितकारी है। जिसे सभी स्मार्टफोन यूजर्स को डाउनलोड करना नितांत आवश्यक है। इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी गूगल व यू-ट्यूब पर उपलब्ध है। वहीं हाल हीं में लाँच "इंडिया फाइट कोविड" वेबसाइट भी लोगों को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए मौजूद है। इसका प्रयोग आप खुद सुनिश्चित करें। साथ हीं अन्य जन-मानस को ऐसा करने के लिए जागरूक करें।
घर रहें-सुरक्षित रहें। खतरा अभी बरकरार है-संघर्ष भी।