चंदनपुरा बकरी कांड मरी हुई बकरी बनी पुलिस के लिए सोने की मुर्गी 

रिहान अन्सारी नजीबाबाद: एक बकरी की कीमत मरने के बाद जिंदा भैस के बराबर हो गयी ऐसा बकरी मालिक ने कभी सपने में भी नही सोचा होगा जी हां एक मरी हुई बकरी 60 हज़ार रुपये की हो गयी, सुनकर भी अजीब सा लग रहा है यह मामला गाव में चर्चा का विषय बना हुआ है प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम चंदक जट थाना किरतपुर निवासी राकेश त्यागी पुत्र बलवीर त्यागी अपनी कार द्वारा कोटद्वार से होते हुए नजीबाबाद की ओर आ रहा था बताया जाता है कि जैसे ही वह कोटद्वार रोड़ स्तिथ चंदनपुरा पहुचा तो कार के सामने अचानक एक बकरी आ गई जिससे बकरी घायल हो गई और बाद में उसने दम तोड़ दिया कार चालक बकरी के टक्कर मार कर मौके से फरार हो गया यह देखकर बकरी स्वामी व आसपास के ग्रामीण घटना स्थल पर एकत्रित हो गये ग्रामीणों ने कार का पीछा करते हुए उक्त कार को समीपुर रेलवे फाटक के पास पकड़ लिया बताया जाता है कि उक्त कार स्वामी ने बकरी की मौत पर फ़ैसला करते हुए 6 हज़ार रुपयों में फैसला कर लिया फैसले के समय किसी कारण बात बिगड़ गयी और दोनों पक्षो में मारपीट हो गयी तो कार स्वामी ने समीपुर सीएचसी पहुचकर अपना मेडिकल कराकर अपने साथ लूट होने व जेब से 22 हज़ार 500 रुपये व एक मोबाइल छीनने की तहरीर नजीबाबाद थाने पहुचकर पुलिस को सौपी तहरीर में कार स्वामी ने गांव के कई लोगो को नामजद व कई अज्ञात नाम तहरीर में शामिल कर दिये तहरीर मिलने के बाद एक उम्रदराज दरोगा ने गांव पहुचकर ग्रामीणों व बकरी स्वामी को लूट और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करने के लिए डरा धमकाना शुरू कर दिया इससे ग्रामीण व बकरी स्वामी सोचने पर मजबूर हो गये की एक तो हमारी बकरी मर गयी और हमारे ऊपर ही लूट और हत्या के प्रयास का इल्जाम आ रहा है ग्रामीण पूरी तरह भयभीत हो गये भयभीत होने के बाद उम्रदराज दरोगा के समक्ष हुए फैसले में बकरी स्वामी ने 35 हज़ार रुपये कार स्वामी को दिए और 25 हज़ार रुपये उम्रदराज दरोगा को दे दिये अब मरी हुई बकरी जहा एक तरफ ग्रामीणों व बकरी स्वामी के लिए सिरदर्द बन गयी तो वही पुलिस के लिए मरी हुई बकरी सोने की मुर्गी बन गयी बकरी स्वामी व ग्रामीणों का कहना है कि एक तो उनकी बकरी मर गई उन्हें मुआवजा तो क्या मिलता उल्टा उन्हें ही 60 हज़ार रुपये देने पड़ गये बहरहाल बकरी स्वामी को मरी हुई बकरी 60 हज़ार रुपये की पड़ गयी लोगो का यह भी कहना है कि पुलिस ने उनके साथ गलत किया है जबकि पुलिस को यह चाहिए था कि उन्हें बकरी के मरने के बाद कार चालक के खिलाफ कार्यवाही करती, लेकिन पुलिस ने उल्टा पीड़ित पर ही दबाव बनाया पुलिस की इस हरकत से गांव में खूब फजीहत हो रही है वही यह मामला गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।    बॉक्स- सबसे हैरत की बात तो यह रही कि जिस कार चालक ने अपने साथ पैसों व मोबाइल लूट की तहरीर दी थी, वही मोबाइल फैसले होने के बाद यानी 35 हज़ार रुपये लेने के एक घंटे के बाद उक्त मोबाइल ऑन हो गया। आखिर वह मोबाइल जो लूटा गया था वो ही मोबाइल फैसले के बाद ऑन कैसे हो गया यह सोचने का विषय है इस सम्बंध में नजीबाबाद पुलिस क्षेत्राधिकारी महेश कुमार का कहना है कि वह बाहर है ओर मामला उनके संज्ञान में नही है उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जायेगी अगर ऐसा है तो कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।