PM मोदी ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के अफसरों को प्रेसिडेंट पुलिस मेडल से किया सम्मानित

रायपुर/दिल्ली। PM मोदी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, रायपुर में डायरेक्टर जनरल्स/इंस्पेक्टर जनरल्स ऑफ़ पुलिस की 60वीं ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया। तीन दिन की इस कॉन्फ्रेंस की थीम ?विकसित भारत: सिक्योरिटी डाइमेंशन्स? है। प्रधानमंत्री ने प्रोफेशनलिज़्म, सेंसिटिविटी और रिस्पॉन्सिवनेस को बढ़ाकर, खासकर युवाओं के बीच पुलिस के बारे में लोगों की सोच बदलने की तुरंत ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने अर्बन पुलिसिंग को मज़बूत करने, टूरिस्ट पुलिस में नई जान डालने और नए बनाए गए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, जो पुराने ज़माने के क्रिमिनल कानूनों की जगह लेंगे। प्रधानमंत्री ने राज्य और UT पुलिस और बड़े प्रशासन को निर्देश दिया कि वे निर्जन द्वीपों को जोड़ने के लिए नई स्ट्रेटेजी अपनाएं, NATGRID के तहत जुड़े डेटाबेस का असरदार इस्तेमाल करें, और इन सिस्टम को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए जोड़कर कार्रवाई लायक खुफिया जानकारी तैयार करें। उन्होंने यूनिवर्सिटी और एकेडमिक संस्थानों को पुलिस जांच में फोरेंसिक के इस्तेमाल पर केस स्टडी करने के लिए बढ़ावा देने की अपील की, यह देखते हुए कि फोरेंसिक का बेहतर इस्तेमाल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को और मज़बूत करेगा। उन्होंने बैन किए गए संगठनों की रेगुलर मॉनिटरिंग के लिए सिस्टम बनाने, लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज़्म से मुक्त इलाकों का पूरा विकास पक्का करने, और कोस्टल सिक्योरिटी को मज़बूत करने के लिए नए मॉडल अपनाने की अहमियत दोहराई। प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ड्रग्स के गलत इस्तेमाल से निपटने के लिए पूरी सरकार का नज़रिया ज़रूरी है, जिसमें एनफोर्समेंट, रिहैबिलिटेशन और कम्युनिटी लेवल पर दखल देना शामिल हो।