बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या में आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर

बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या में आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर

न्यायिक अधिकारीगण द्वारा किया गया शेल्टर होम्स,अयोध्या का निरीक्षण।

अम्बेडकरनगर
उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2025-26 के अनुपालन में रीता कौशिक, जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,जनपद अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार 26.09.2025 को बाल सम्प्रेक्षण गृह अयोध्या में उ०प्र० मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बाल अधिकार एवं शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के विषय पर भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं शेल्टर होम्स निरीक्षण समिति द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह एवं नारी शरणालय अयोध्या का निरीक्षण किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता,अपर जिला जज / सचिव,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,अम्बेडकरनगर अभिषेक सिंह,सिविल जज, जू०डि०/ जे०एम० टाण्डा,आश्री शाह,न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय,जलालपुर,जि०वि० से०प्रा०अम्बेडकरनगर के कर्मचारीगण तथा बाल सम्प्रेक्षण गृह अयोध्या से केयर टेकर अन्य स्टाफ एवं बाल अपचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
शिविर को सम्बोधित करते हुये भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता अपर जिला जज / सचिव,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि उ०प्र० मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना दो प्रकार की है कोविड एवं सामान्य दोनों ही योजना उन बच्चों की मदद करती है जिनके माता-पिता का निधन हो गया है. कोविड योजना के अंतर्गत 18 साल तक के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता का निधन कोविड-19 से हो गया है को 4000 प्रति माह दिये जायेंगे एवं सामान्य योजना के अंतर्गत ऐसे बच्चे जिन्होने कोविड-19 से अलग किसी अन्य कारण से माता-पिता को खो दिया है दोनो प्रकार की योजना के अंतर्गत बच्चों को शिक्षा और अन्य सहायता भी मिलती है। अपर जिला जज/सचिव द्वारा बाल अधिकारों पर जानकारी देते हुये बताया गया कि बच्चों को जीवन का अधिकार भोजन पोषण स्वास्थय विकास शिक्षा पहचान नाम राष्ट्रीयता परिवार मनोरंजन, सुरक्षा का अधिकार है। भारत के कुछ बाल अधिकारों के अंतर्गत बच्चों को आगे बढ़ाने की पहली जिम्मेदारी मां बाप दोनों की है। राज्य इस काम में अभिभावक को सहारा देगा। राज्य और माता पिता बच्चों के विकास के लिये उचित प्रयास करें, बच्चे को उच्चतम स्वास्थय एवं चिकित्सीय सुविधायें पाने का अधिकार है। प्रत्येक राज्य हर बच्चे के प्रारम्भिक स्वास्थय पर विशेष ध्यान देगा और शिशुओं की मृत्यु दर कम करने पर विशेष तौर पर काम करेगा। प्रत्येक बच्चे को अच्छा जीवन स्तर पाने का अधिकार है। बच्चे का पर्याप्त मानसिक शारीरिक बौद्धिक नैतिक और सामाजिक विकास आदि है बच्चों के विकास एवं हित के लिये सरकार द्वारा बहुत सी योजनायें भी चलायी जा रही हैं।इसके अतिरिक्त अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा आमजन को विधिक जानकारी / सहायता प्राप्त कराने के लिये टोल फ्री हेल्पलाईन नम्बर-15100 चलाया जा रहा जिस पर काल करके किसी भी समय विधि जानकारों से बात कर कानूनी जानकारी प्राप्त की जा सकती है एवं नालसा द्वारा संचालित आनलाईन एल०एस०एम०एस० पोर्टल पर शिकायत दर्ज करके अपनी समस्याओं का निदान प्राप्त कर सकते है एवं निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता होने पर कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र प्रेषित कर सकते हैं।शेल्टर होम्स निरीक्षण समिति द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह अयोध्या की स्वच्छता किशोर अपचारियों के खाने पीने एवं उनके स्वास्थय के सम्बन्ध में शिक्षा तथा मनोरंजन के साधनों पर जानकारी ली गई। बाल अपचारियों हेतु शुद्ध पेय जल की व्यवस्था करने बदलते मौसम से होने वाली स्वास्थय समस्याओं एवं अन्य किसी प्रकार की अस्वस्थता होने पर अविलम्ब चिकित्सा सुविधा दिलवाये जाने हेतु आवश्यक निर्देश दिये गये एवं अपर जिला जज/सचिव महोदय द्वारा किशोर अपचारियों से मुलाकात कर उनकी समस्या सुनी गई एवं पूछा गया कि क्या सभी अपचारियों के पास अधिवक्ता हैं अथवा नहीं उनके मुकदमों की पैरवी ठीक से हो रही है अथवा नहीं एवं यदि किसी अपचारी के पास अधिवक्ता नहीं है अथवा कोई समस्या है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देकर निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त कर अपनी पैरवी करवा सकते।

भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर।