सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों की संवेदनहीनता की वजह से बाल बाल बची एक प्रसूता की जान, विभागीय अधिकारी बेख़बर।

*सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों की संवेदनहीनता की वजह से बाल बाल बची एक प्रसूता की जान, विभागीय जिम्मेदार बेखबर।*

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अवागढ़/एटा।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अवागढ़ का एक संवेदनहीनता का मामला सामने आया है जहां पर सवायजपुर गांव से अनीशा नाम की महिला प्रसव कराने के लिए सरकारी अस्पताल पर सोमवार दिनांक 25 8 2025 को आई हुई थी। जहां पर उसके परिजनों ने बताया कि उसको भर्ती करने के बाद सरकारी नर्स की लापरवाही के चलते उसकी हालत लगातार बिगड़ते ही जा रही थी। हालत ज़्यादा बिगड़ने पर उसको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अवागढ़ से जिला अस्पताल एटा के लिए रेफर कर दिया गया। प्रसूता और उसके परिजनो से कहा गया कि आप सरकारी एंबुलेंस बुलाने के लिए फोन करिए इतना कहने के बाद में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स ने अपने कमरे का गेट बंद कर लिया और सो गई। अब्दुल ने एंबुलेंस को बुलाने के लिए कॉल किया जहां पर कॉल रिसीव करने वाले अधिकारी ने उससे पूछा कि कहां के अस्पताल के लिए रेफर किया गया है। प्रसूता को रैफर करने वाला पर्चा अंग्रेजी में बना हुआ था जिसके कारण वह इस बात को बताने में असमर्थ था। अब्दुल और उसके परिजनों ने लाख कोशिश की उस नर्स से जानने के लिए कि हमें कौन से हॉस्पिटल के लिए जाना है उसके बाद ही एंबुलेंस आएगी। कॉल रिसीव करने वाला अधिकारी यह बात जानना चाहता है कि किस हॉस्पिटल के लिए रैफर किया गया है लेकिन नर्स ने इसका कोई जवाब नहीं दिया और ना ही अपने कमरे का गेट खोला। प्रसूता दर्द की वजह से बुरी तरह से चिल्ला रही थी लेकिन स्टाफ नर्स को प्रसव पीड़ा से पीड़ित प्रसूता पर जरा भी दया नहीं आ रही थी। अवागढ़ हॉस्पिटल में इतना सब कुछ हो जाने के बावजूद प्रभारी चिकित्सा अधिकारी बृजेश कुमार को फोन लगाया गया और उनसे पूछा गया कि इस समय कौन सी डॉक्टर और स्टाफ नर्स ड्यूटी पर हैं उनका नाम क्या है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी बृजेश कुमार ने बताने से साफ मना कर दिया कि मुझे नहीं मालूम कौन ड्यूटी पर हैं। जहां पर अपने स्वास्थ्य केंद्र का हाल प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को नहीं मालूम होगा तो आम पब्लिक के साथ इसी तरह का व्यवहार किया जाएगा। अधिकारी के संवेदनहीन जवाब से ऐसा लगता है कहीं ना कहीं पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की भी बड़ी लापरवाही है। उन्हीं की सह पर इस तरह की अनुशासनहीनता स्वास्थ्य केंद्र पर चल रही है। क्या ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी एटा को इस प्रकरण पर संज्ञान लेकर दोषियों पर उचित कार्यवाही अमल में लानी चाहिए।


रिपोर्ट: रमेश जादौन एटा।