अडानी ने ली 45 डिसमिल जमीन, बदले में डेढ़ साल तक दी वर्कमैन की नौकरी

रायगढ़। विवादों से चोली दामन का साथ रखने वाली अडानी पावर लिमिटेड पर बड़े भंडार के एक शिक्षित युवक को पुश्तैनी जमीन के बदले वर्कमैन की नौकरी देते हुए डेढ़ बरस बाद उसे बेदखल करने का आरोप लगा है। यही वजह है कि अडानी की वादाखिलाफी से भडक़े ग्रामीण अब इंसाफ के लिए कंपनी गेट के सामने ही बेमियादी हड़ताल पर बैठ गए हैं।

रायगढ़-सारंगढ़ नेशनल हाइवे किनारे ग्राम बड़े भंडार में स्थित अडानी पावर कंपनी पर बड़े भंडार के एक ग्रामीण को जमीन अधिग्रहण के बदले मामूली नौकरी देते हुए डेढ़ साल बाद झूठे आरोप लगाकर काम से खदेडऩे का मामला प्रकाश में आया है।

दरअसल, जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर ग्राम बड़े भंडार के कुछ लोग इनदिनों अडानी पावर लिमिटेड के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन का रुख अख्तियार कर चुके हैं। अडानी कंपनी के गेट के सामने जमीन पर दरी बिछाकर परिवार के साथ धरने पर बैठे गांव के ही चिंतामणि प्रधान आत्मज विभीषण प्रधान की माने तो बड़े भंडार में जब कोरबा वेस्ट प्रायवेट लिमिटेड का पदार्पण हुआ तो उनकी करीब 45 डिसमिल खानदानी जमीन अधिग्रहण में चली गई। कंपनी प्रबंधन ने अधिग्रहित भूमि के एवज में चिंतामणि प्रधान को वर्कमैन ग्रेड टी3 के तौर पर डेढ़ वर्ष तक नौकरी की बकायदा सौगात भी दी। फिर अडानी पावर की जनसुनवाई 2 के दौरान कंपनी प्रबंधन ने बेवजह चिंतामणि को बिना विधिवत नोटिस दिए काम से हकाल दिया। वहीं, नौकरी जाने से बेरोजगारी की मार झेल रहे चिंतामणि को अब अडानी प्रबन्धन यह तर्क दे रहा कि चुपचाप 5 लाख रुपए रख लो और ठेकेदार के मातहत काम करो।

चिंतामणि का आरोप है कि अडानी कंपनी उसके सरीखे कई कामगारों से ज्यादतियां कर शोषण का शिकार बना चुका है। यही कारण है कि अडानी के प्रभावितों ने गुजरे 2 अगस्त से कंपनी गेट के सामने ही बेमियादी धरना शुरू कर दिया है। वहीं, आंदोलनकारी ग्रामीण जब बैनर लगाते हैं तो अडानी के सिक्यूरिटी गार्ड्स उनको धरना देने से मना करते हुए धमकाने से भी नहीं चूक रहे। पीडि़त चिंतामणि प्रधान का यह भी कहना है कि अडानी के खिलाफ वह कलेक्टर जनदर्शन में 1 नहीं, बल्कि 3 मर्तबे शिकायत पत्र देते हुए न्याय की फरियाद कर चुका है, मगर उद्योग विभाग में शिकायत पाती जाने के बाद कार्रवाई शून्य हो जाती है, लिहाजा उसके जैसे कई पीडि़त ग्रामीण, अडानी कंपनी के गेट के सामने ही बेमियादी हड़ताल पर तबतक बैठे रहेंगे, जबतक उनको इंसाफ नहीं मिल जाता।