खून की कालाबाजारी का खुलासा गरीबों का खून बेच रहा था गिरोह

बरेली। मजबूरी और लाचारी में इंसान क्या नहीं करता पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मजबूरों की मजबूरी को अपना धंधा बना लेते हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला रविवार रात बरेली में सामने आया जब कोतवाली पुलिस ने आईएमए ब्लड बैंक के बाहर सक्रिय एक खून की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया।एसपी सिटी मानुष पारीक ने सोमवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि कोतवाली पुलिस ने चारों आरोपियों को आईएमए ब्लड बैंक के बाहर से रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, जो गरीब, लाचार और नशे के शिकार लोगों को 1000 से 2000 रुपये का लालच देकर ब्लड डोनेट करवाते हैं। फिर उसी खून को अच्छे दामों में ब्लड बैंक में बेच दिया जाता था।इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार कोतवाली पुलिस ने कोतवाली के आजमनगर के पुराना ताडीखाना निवासी 50 वर्षीय प्रेमनाथ पुत्र रामबूबा, प्रेमनगर के इंदिरा नगर निवासी 32 वर्षीय धीरेंद्र शर्मा पुत्र महेंद्र शर्मा, कैंट के अभयपुर लाल फाटक निवासी 19 वर्षीय अभय पुत्र नरेंद्र कुमार और 25 वर्षीय विनीत पुत्र रवींद्र कुमार को गिरफ्तार किया है। पूछताछ गिरोह के मास्टरमाइंड प्रेमनाथ और धीरेन्द्र शहर के मजदूर चौक, रेलवे स्टेशन और फुटपाथों पर घूमते थे। जहां भी कोई नशेड़ी, लाचार या पैसे का मोहताज दिखता, उसे रिश्तेदार बनाकर आईएमए ब्लड बैंक ले जाते। वहां अभय और विनीत पहले से सेट रहते थे। सभी मिलकर उसका खून निकलवाते और ब्लड को मोटी रकम लेकर बेच देते।रोजाना चलता था गोरखधंधा पुलिस पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह कई दिनों से यह खेल खेल रहा था। एक डोनर को 1000-2000 रुपये थमाकर उसका खून लिया जाता और उसे रिश्तेदार बताकर ब्लड बैंक में डोनेट करवाया जाता था। बदले में ब्लड मांगने वालों से हजारों रुपये वसूले जाते थे। अब पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या ब्लड बैंक प्रबंधन की मिलीभगत थी या इन लोगों ने अकेले ही पूरा खेल रचा। कोतवाली पुलिस टीम की सक्रियता से यह गिरोह बेनकाब हुआ है। चारों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और पूछताछ जारी है।