बारहद्वारी स्थित मूंछों वाले हनुमान मंदिर में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़, 150 वर्षों पुराना है आस्था का केंद्र


ब्रिटिश काल से जुड़ी चमत्कारी कथा के चलते दूर-दराज़ से आ रहे श्रद्धालु

�बारहद्वारी क्षेत्र स्थित प्राचीन मूंछों वाले हनुमान मंदिर में इन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। ये मंदिर अलीगढ़ जनपद का एक प्रमुख सिद्ध पीठ माना जाता है, जिसकी स्थापना करीब 150 वर्ष पूर्व अंग्रेजी शासन काल में हुई थी। स्थानीय मान्यता के अनुसार, ये मंदिर एक चमत्कारी घटना के कारण स्थापित हुआ, जिससे ये आज श्रद्धालुओं की गहरी आस्था का केंद्र बना हुआ है।

मंदिर दो मंजिला भव्य इमारत पर स्थित है, जिसकी खास बात ये है कि यहां से 1000 मीटर दूर से भी भगवान हनुमान जी की प्रतिमा के स्पष्ट दर्शन होते हैं। इसे उत्तर प्रदेश का एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां हनुमान जी की मूर्ति में विशेष रूप से मूंछों की आकृति उकेरी गई है। इसी कारण ये मंदिर मूंछों वाले हनुमान जी के नाम से प्रसिद्ध है।

अंग्रेज अधिकारी से जुड़ी मान्यता स्थानीय लोगों के अनुसार, ब्रिटिश काल में एक अंग्रेज अधिकारी ने मंदिर में पूजा कर रहे एक सफाईकर्मी की आस्था का मज़ाक उड़ाया था। उस रात हनुमान जी स्वयं उसके सपने में वानर रूप में प्रकट हुए और उसे शारीरिक रूप से अशक्त कर दिया। अगली सुबह जब उसने ये अनुभव किया, तो वह डर के मारे मंदिर पहुंचा और हनुमान जी से क्षमा याचना की। तभी से यहां पूजा की परंपरा शुरू हुई और मंदिर की ख्याति बढ़ती गई।

�स्वयंभू मानी जाती है प्रतिमा,,,
�स्थानीय आस्थावादियों का दावा है कि मंदिर में स्थापित मूर्ति मानव निर्मित नहीं है, बल्कि मंदिर प्रशासन के अनुसार भी �यह प्रतिमा स्वतः धरती से प्रकट हुई थी। �यही कारण है कि यह मूर्ति विशेष रूप से चमत्कारी मानी जाती है।

मंगलवार और शनिवार को लगता है मेला,,, हर मंगलवार और शनिवार को मंदिर में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या देखी जाती है। मन्नत पूरी होने पर लोग यहां भंडारे, कीर्तन सभा और हवन का आयोजन करते हैं। बारहद्वारी के महावीरगंज में स्थित ये मंदिर न सिर्फ अलीगढ़, बल्कि अन्य जनपदों और पड़ोसी राज्यों से भी भक्तों को आकर्षित करता है।

�*बाइट :-महंत अजय शुक्ला*�
�*बाइट :-पिंकी गोयल (श्रद्धालु)*
�*बाइट :-अंजू शर्मा श्रद्धालु*