लोको कॉलोनी में अवैध शराब के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार, आपूर्ति श्रृंखला पर उठे सवाल

चंदौली।अलीनगर पुलिस और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने रविवार को लोको कॉलोनी स्थित हनुमान मंदिर के पास से तीन शराब तस्करों को अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया। तस्कर अवैध शराब लेकर स्टेशन की ओर जा रहे थे। यह कार्रवाई तस्करी के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा है।

तस्करों के नए पैंतरे और पुलिस की चुनौती

तस्कर लगातार तस्करी के लिए नए तरीके अपना रहे हैं। जानकारी के अनुसार, अब तस्कर लक्ज़री वाहनों का उपयोग कर शराब की तस्करी कर रहे हैं। इससे पहले भी पुलिस और आरपीएफ की टीम ने लोको कॉलोनी के बिछुआ मंदिर के पास भारी मात्रा में अवैध शराब के साथ तस्करों को पकड़ा था।

स्थानीय दुकानों पर उठे सवाल

पिछले कई दिनों से लोको कॉलोनी में तस्करों की गिरफ्तारी यह इशारा करती है कि वे पास के परशुरामपुर स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान से शराब खरीदते होंगे और बिहार ले जाते हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि यह दुकान नियमों का उल्लंघन कर तस्करों को शराब बेचती है।

बारकोड तकनीक का सही उपयोग आवश्यक

बता दे कि किसी भी शराब की बोतल पर अंकित बारकोड को आबकारी विभाग के विशेष ऐप से स्कैन करके यह पता लगाया जा सकता है कि वह शराब किस ठेके से बेची गई है। अगर इस तकनीक का सही उपयोग किया जाए, तो तस्करी के स्रोत का पता लगाना आसान हो सकता है। लेकिन सवाल यह है कि पुलिस इन ठेकों की भूमिका को क्यों उजागर नहीं करती।

स्थानीय लोगों ने पुलिस और आबकारी विभाग से मांग की है कि वे परशुरामपुर समेत अन्य संदिग्ध दुकानों पर कड़ी निगरानी रखें और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करें। लोगों का कहना है कि तस्करी की जड़ को समाप्त करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला पर सख्त कदम उठाना जरूरी है


अलीनगर पुलिस और आरपीएफ की यह कार्रवाई तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन तस्करी को खत्म करने के लिए आवश्यक है कि शराब की अवैध आपूर्ति में शामिल दुकानों की जांच हो और उन्हें बंद किया जाए। बारकोड तकनीक का सही उपयोग और आबकारी विभाग की सक्रियता इस दिशा में कारगर साबित हो सकती है।

यह घटना न केवल तस्करों की गिरफ़्तारी की सफलता है, बल्कि यह भी दिखाती है कि तस्करी को पूरी तरह समाप्त करने के लिए स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला पर ध्यान देना आवश्यक है। पुलिस और आबकारी विभाग को जल्द ही इस दिशा में ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।