कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग NH-67 पर बडवेल-गोपावरम गांव से NH-16 पर गुरुविंदापुडी तक डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (DBFOT) मोड पर 4-लेन देखिए,,,

कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग NH-67 पर बडवेल-गोपावरम गांव से NH-16 पर गुरुविंदापुडी तक डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (DBFOT) मोड पर 4-लेन बडवेल-नेल्लोर राजमार्ग के विकास को मंजूरी दी

कुल 108.134 किलोमीटर की लंबाई के लिए कुल पूंजी लागत 3653.10 करोड़ रुपये है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने डिजाइन-निर्माण -वित्त- संचालन-हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर एनएच (67) पर आंध्र प्रदेश राज्य में 3653.10 करोड़ रुपये की लागत से 108.134 किलोमीटर लंबाई वाले 4-लेन वाले बडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है।

स्वीकृत बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर आंध्र प्रदेश के तीन औद्योगिक कॉरिडोर में महत्वपूर्ण नोड्स को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, यानी विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक कॉरिडोर (वीसीआईसी) पर कोप्पार्थी नोड, हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (एचबीआईसी) पर ओर्वाकल नोड और चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (सीबीआईसी) पर कृष्णापटनम नोड। इसका देश के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक (एलपीआई) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

बडवेल नेल्लोर कॉरिडोर वाईएसआर कडप्पा जिले में मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-67 पर गोपावरम गांव से शुरू होता है और आंध्र प्रदेश के एसपीएसआर नेल्लोर जिले में एनएच-16 (चेन्नई-कोलकाता) पर कृष्णापटनम पोर्ट जंक्शन पर समाप्त होता है और कृष्णापटनम पोर्ट को रणनीतिक संपर्क भी प्रदान करेगा, जिसे चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (सीबीआईसी) के तहत प्राथमिकता नोड के रूप में पहचाना गया है।

प्रस्तावित कॉरिडोर मौजूदा बडवेल-नेल्लोर रोड की तुलना में कृष्णपटनम पोर्ट तक की यात्रा की दूरी को 142 किमी से 33.9 किमी कम करके 108.13 किमी कर देगा। इससे यात्रा का समय एक घंटे कम हो जाएगा और यह सुनिश्चित होगा कि ईंधन की खपत में कमी के मामले में पर्याप्त लाभ प्राप्त हो, जिससे कार्बन फुटप्रिंट और वाहन परिचालन लागत (वीओसी) में कमी आएगी। परियोजना संरेखण और सूचकांक मानचित्र का विवरण अनुलग्नक-I के रूप में संलग्न है।

108.134 किलोमीटर लंबी इस परियोजना से लगभग 20 लाख मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 23 लाख मानव दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। प्रस्तावित कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण परियोजना से अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।